Dawood Execution Plan: ‘डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है’ ये फिल्मी लाइन अब रियल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर फिट बैठती हैं. क्योंकि तमाम कोशिशों के बाद भी दाऊद का आजतक किसी ने बाल तक बांका नहीं कर पाया. लेकिन 2005 में एक वक्त ऐसा आया था जब इस कुख्यात अपराधी का अंतिम दिन तय हो गया था. अजीत डोभाल ने डॉन के खात्मे की पूरी कहानी लिख दी थी. लेकिन कथित तौर पर मुंबई पुलिस ने डोभाल के मिशन पर ग्रहण लगा दिया था. पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवंकर ने इस मिशन को लेकर चौंका देने वाला खुलासा किया है.

पूर्व आईपीएस अधिकारी का बड़ा खुलासा

पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवंकर ने अपनी किताब ‘मैडम कमिश्नर’ में इस मिशन के बारे में विस्तार से बताया है. दुबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को खत्म करने की असफल योजना को भारतीय खुफिया एजेंसियों के इतिहास के कुख्यात अध्यायों में से एक माना गया है. लंबे समय से यह आरोप लगता रहा है कि मुंबई पुलिस के भीतर दाऊद के कुछ वफादार अब भी जमे हुए हैं. इनमें से ही कुछ ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के दाऊद के खात्मे के सीक्रेट ऑपरेशन पर पानी फेर दिया था.

मुंबई पुलिस पर आरोप लगाना गलत

इन आरोपों और सीक्रेट मिशन को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवंकर ने दावा किया है कि यह समन्वय की कमी का एक साधारण मामला था. इसे लेकर मुंबई पुलिस पर आरोप लगाना गलत है. अब आपको बताते हैं अजीत डोभाल के मिशन के बारे में. 2005 में खबर आई थी कि दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरुख की शादी पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद से होने जा रही है. जैसे ही भारतीय खुफिया एजेंसियों को ये खबर लगी, वैसे ही दुबई में अंडरवर्ल्ड डॉन को खत्म करने की योजना बनाई गई. एजेंसियों ने योजना को अंजाम देने के लिए छोटा राजन के लोगों को लगाया और अजीत डोभाल इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे. राजन ने अपने दो सबसे भरोसेमंद शार्पशूटरों, विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा को तैनात किया.

दाऊद इब्राहिम के खात्मे का प्लान रद्द

अजीत डोभाल जब यह मिशन तैयार कर रहे थे, उस समय बोरवंकर की मुंबई पुलिस टीम मल्होत्रा ​​और तनाशा को गिरफ्तार करने की योजना बना रही थी. मुंबई में राजन के गुर्गों की मौजूदगी का पता चलते ही डिप्टी कमिश्नर धनंजय कमलाकर के नेतृत्व में एक टीम को दिल्ली भेजा गया. डोभाल एक होटल में मल्होत्रा और तनाशा को ब्रीफ कर रहे थे. तभी मुंबई पुलिस की टीम वहां पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद डोभाल को दाऊद इब्राहिम के खात्मे के प्लान को रद्द करना पड़ा.

मीरा बोरवंकर ने कहा..

अब पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवंकर ने इसे दोनों एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी का एक साधारण मामला बताया है. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस पर दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने का आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है. हम आपराधिक फोन कॉल को इंटरसेप्ट करते रहे. यह 2005 में हुआ था. उस समय, मुंबई में शीर्ष व्यवसायियों को अंडरवर्ल्ड से जबरन वसूली के कॉल आ रहे थे. माहौल अच्छा नहीं था. हमने कॉल को इंटरसेप्ट किया और ऑपरेशन को प्रोजेक्ट एक्स का नाम दिया गया.

विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा की गिरफ्तारी

उन्होंने कहा कि हमने विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा को गिरफ्तार करने के लिए टीम को पहले कोलकाता और बाद में दिल्ली भेजा. इंस्पेक्टर पाटिल दिल्ली में थे और वह सीधे मुझसे कमांड ले रहे थे. क्योंकि डीसीपी धनंजय कमलाकर की फ्लाइट छूट गई थी. इंस्पेक्टर पाटिल ने विक्की मल्होत्रा और एक अन्य व्यक्ति का सामना किया. दूसरे व्यक्ति ने खुद को आईबी का पूर्व संयुक्त निदेशक बताया. उन्होंने दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया और यह खबर मीडिया में भी फैल गई.

बोरवंकर से क्या बोले थे डोभाल?

बोरवंकर ने कहा कि पूर्व आईबी अधिकारी ने कभी नहीं कहा कि वह ऑपरेशन में थे. उन्होंने मुझे सिर्फ विक्की मल्होत्रा ​​को छोड़ने के लिए कहा और बाद में दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया. मैंने महाराष्ट्र में शीर्ष आईबी अधिकारी को भी फोन किया और उनसे पूछा कि क्या उन्हें ऐसे किसी ऑपरेशन के बारे में पता है. उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा कोई ऑपरेशन नहीं चल रहा था.

मुंबई क्राइम ब्रांच का एक पेशेवर ऑपरेशन

बोरवंकर ने कहा कि यह मुंबई क्राइम ब्रांच का एक पेशेवर ऑपरेशन था. मैं कहूंगी कि यह केवल समन्वय की कमी थी. मुंबई पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी कि डोभाल रिटायरमेंट के बाद एजेंसी के लिए काम कर रहे हैं. यह कहना कि मुंबई पुलिस दाऊद इब्राहिम के लिए काम करती है, बिल्कुल गलत है.



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By attkley

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