Supreme Court Judge: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के जजों के रूप में तीन हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की. भारत के सर्वोच्च न्यायालय में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति है और वर्तमान में यह 31 न्यायाधीशों के साथ कार्य कर रहा है. इन सिफारिशों को केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद शीर्ष अदालत में स्वीकृत 34 जजों की संख्या पूरी हो जाएगी. 

इन तीन नामों की सिफारिश की गई

दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा, राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और गुहावटी हाई कोर्ट करे मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता की सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए केंद्र में पदोन्नति की सिफारिश की गई.

यहां एक सवाल उठना लाजमी है क्या सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए हाई कोर्ट में जज होना अनिवार्य है या नहीं.

यहां हमें देखना होगा कि संविधान में सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए क्या शर्तें तय की गई है.

सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए योग्यता:-

संविधान के अनुच्छेद 124 के अनुसार भारत का नागरिक जिसकी आयु 65 वर्ष से अधिक न हो.

-एक या अधिक हाई कोर्ट का जज (लगातार) रहा हो, कम से कम पांच वर्षों तक

-वहां एक वकील हो, कम से कम दस वर्षों तक,

-राष्ट्रपति की राय में, एक प्रतिष्ठित न्यायविद हो.  भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड 2 द्वारा प्रदत्त शक्ति

इनको वकील से सीधा सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में चुना गया
व्यवहार में आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए ज्यादातर हाई कोर्ट के जजों को नियुक्त किया जात रहा है. हालांकि कुछ नाम ऐसे रहे हैं जिनको सीधा बार (यानी, जो प्रैक्टिस कर रहे वकील थे) से सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है. इनमें न्यायाधीश-एस. एम. सीकरी, एस. चंद्रा रॉय, कुलदीप सिंह, संतोष हेगड़े, आर. एफ. नरीमन, यू. यू. ललित, एल. नागेश्वर राव, इंदु मल्होत्रा और पी. एस. नरसिम्हा शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है.

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं.

अनु 124[2] के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा, वहीं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह माननी पड़ेगी.



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By attkley

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