पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके सहयोगी रहे पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल)
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पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली। अदालत ने मंगलवार को गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) मामले में जेल ट्रायल पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने जेल में सुनवाई के खिलाफ स्थगन आदेश जारी किया। बता दें कि मामले की संवेदनशीलता और इमरान खान से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं के कारण एक दिन पहले ही पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने उच्च सुरक्षा वाली रावलपिंडी जेल में इस मामले की सुनवाई की अनुमति दी थी।

इमरान के साथ पूर्व विदेश मंत्री पर भी लगे हैं आरोप, दोनों जेल में बंद 

बता दें कि पाकिस्तान में सरकार चला चुकी राजनीतिक पार्टी- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष 71 वर्षीय इमरान खान वर्तमान में न्यायिक रिमांड पर रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उनके साथ सहयोगी मंत्री 67 वर्षीय शाह महमूद कुरेशी भी जेल में हैं। इमरान और उनके करीबी रहे पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी पर सिफर (Cipher) यानी गुप्त राजनयिक केबल लीक करने के आरोप लगे हैं। हालांकि गिरफ्तारी के बावजूद दोनों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर खुद को निर्दोष बताया है।

हाईकोर्ट की खंडपीठ से इमरान को मिली राहत

इमरान के खिलाफ जेल ट्रायल पर रोक लगाने वाली इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) की दो सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज शामिल हैं। पीठ ने अदियाला जेल में अपने मुकदमे के खिलाफ खान की इंट्रा-कोर्ट अपील की सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया।

सरकारी वकील की दलीलों से अदालत संतुष्ट नहीं

इमरान ने अपील इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ही एकल पीठ के खिलाफ दायर की गई थी। सिंगल जज बेंच ने पिछले महीने अदियाला जेल में इमरान खान पर मुकदमे के ट्रायल पर सहमति जताई थी। हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान की उस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि मुकदमे पर रोक लगाने के बजाय, अदालत को अगली सुनवाई कल के लिए तय करनी चाहिए जब वह मामले का पूरा रिकॉर्ड पेश करेंगे। 

इंट्रा-कोर्ट अपील पर इमरान को राहत मिली

हाईकोर्ट ने अनुरोध खारिज करते हुए अगली सुनवाई गुरुवार के लिए तय की और जेल ट्रायल रोकने का आदेश दिया। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक की एकल पीठ ने 16 अक्तूबर को सिफर मामले में इमरान के जेल ट्रायल को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था। चीफ जस्टिस ने कहा था कि जेल में सुनवाई के पीछे कोई स्पष्ट दुर्भावना नहीं। इसके बावजूद अगर इमरान खान को आपत्तियां हैं तो वह ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने को स्वतंत्र हैं। फैसले से असंतुष्ट इमरान खान ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील दायर की।

पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार का फैसला

गौरतलब है कि अंतरिम प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकर के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने सोमवार, 13 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके करीबी सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी के खिलाफ सरकारी रहस्यों को लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के मामले में जेल में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। सुरक्षा चिंताओं के कारण कानून मंत्रालय ने इमरान खान और कुरैशी पर दर्ज मुकदमे की सुनवाई जेल में ही कराने की अपील की थी। कैबिनेट ने भी इस पर सहमति दी थी। मंत्रालय ने कहा कि उसने 29 अगस्त को जेल मुकदमे के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया था। न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्करनैन की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई होनी है।



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By attkley

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