Birsa Munda History: बिरसा मुंडा को पहली बार 24 अगस्त 1895 को गिफ्तार किया गया था. उनको दो साल की सज़ा हुई थी. लेकिन किसी सजा के डर से टूट जाने वालों में से वह नहीं थे. जेल से रिहा होने के बाद वह फिर क्रांतिकारी गतिविधियों में जुट गए.
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