विशाल
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पिता जी मैं ठीक हूं, घबराने की जरूरत नहीं है। यह बात पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे मंडी जिले के विशाल (20) ने बुधवार को अपने पिता धर्म सिंह से पाइप के जरिये कही। पिता ने भी जल्द रेस्क्यू करने का भरोसा दिलाते हुए विशाल का हौसला बढ़ाया। टनल के बाहर विशाल के बड़े भाई योगेश के अलावा पिता भी पहुंचे हैं और बेटे के सुरक्षित बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
बल्ह घाटी के सिध्याणी के भंगोट गांव के रहने वाले विशाल की खैरियत के लिए परिजन प्रार्थनाएं कर रहे हैं। माता का घर में रो-रोकर बुरा हाल है। बस एक ही बात कह रही हैं कि मुझे मेरा बेटा सुरक्षित चाहिए। परिजन विशाल की मां का हौसला बढ़ाते हुए जल्द बेटे के सुरक्षित लौटने की बात उनसे कह रहे हैं। माता का कहना है कि वह अपने बेटे को सुरक्षित अपने पास चाहती हैं। परिजनों के अनुसार तीन माह पहले ही इस निर्माणाधीन टनल में काम करने के लिए दोनों भाई शिफ्ट हुए थे।
विशाल के टनल में फंसने का पता चलते ही दिवाली के दिन बड़ा भाई योगेश और पिता धर्म सिंह उत्तराखंड पहुंचे। योगेश ने बताया कि विशाल शॉटक्रिट मशीन ऑपरेटर और वह सहायक है। वह दीपावली पर घर आ गया था, जबकि विशाल काम पर ही था। विशाल के टनल में फंसने की सूचना मिली तो वह तुरंत उत्तराखंड रवाना हुए। उधर, एडीएम मंडी डाॅ. मदन कुमार ने बताया कि इसकी प्रशासन को जानकारी नहीं है।
चार दिन से सुरंग में फंसे हैं 40 मजदूर, अब लगाईं विशेष मशीनें
सिलक्यारा टनल के मलबे में रविवार से फंसे 40 श्रमिकों के सुरक्षित होने की सूचना के बीच बचाव कार्य में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। चार दिन से फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए अब विशेष मशीनें लगाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया, सभी श्रमिक सुरक्षित हैं, उन्हें नियमित रूप से प्रकाश, ऑक्सीजन, दवा और खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। राहत व बचाव कार्य में वायुसेना व थलसेना के भी जुट जाने से श्रमिकों के मलबे से सुरक्षित निकलने की उम्मीद बढ़ गई है।