मध्यप्रदेश चुनाव 2023
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प्रदेश में आज 16वीं विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने जा रहा है। प्रत्येक मतदाता का यह मौलिक कर्तव्य है। वह मतदान अवश्य करे और लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपनी आहुति अवश्य दे। आपका वोट प्रदेश के उम्मीदवारों के लिए या प्रदेश में सरकार बनाने में सहायक हो सकता है। 

देश के साथ जब प्रदेश की बात की जाएगी तो इस बात का उल्लेख जरूरी है कि देश में आजादी के बाद साक्षरता प्रतिशत बहुत कम था, जो समय के साथ बढ़ा भी है और शिक्षा के प्रति हर नागरिक जागरूक है। आजादी के बाद हुए चुनावों में मतदान प्रतिशत बहुत कम था, जो धीरे-धीरे बढ़ता गया। फिर भी आज और अधिक मतदान की जरूरत है हर नागरिक अपने जरूरी कार्य निपटा कर वोट देने अवश्य जाए।

बता दें कि विश्व के 33 देशों में मतदान करना अनिवार्य है। इसके लिए उन्होंने कानून बना रखा है और 18 देश विश्व में ऐसे हैं जिनमें मतदान न करने पर सजा का प्रावधान है। चुनावों के लिए सरकारें काफी व्यय कर इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न करवाती हैं। वोटरों का भी कर्तव्य है कि वे वोट देने जाएं।

एक वोट का कितना है महत्व

आपका वोट कितना महत्वपूर्ण है यह इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में 2008 में धार विधानसभा में हार–जीत का फैसला एक वोट से हुआ था। 2008 में राजस्थान में नाथद्वारा विधानसभा में सीपी जोशी एक वोट से पराजित हो गए थे। जोशी उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, पर इस पराजय से उनके सभी स्वप्न ध्वस्त हो गए। वर्ष 2004 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में जनता दल सेक्युलर के एआर कृष्णमूर्ति एक मत से हार गए थे। इसलिए एक वोट की कीमत, मतदाता को जानना होगी। वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने के दौरान एक मत से सरकार गिर गई थी। चूंकि इस प्रक्रिया में मतदाता की भूमिका नहीं थी पर एक वोट की जरूर थी। आपका एक वोट सरकार बना सकता है और सत्ता से चुनी हुई सरकार को हटा भी सकता है।

यहां 121 और 350 वोटों से हुई हार-जीत

यदि न्यूनतम मतों से हार-जीत को देखें तो वर्ष 2018 में प्रदेश में ग्वालियर दक्षिण में 121 और सुवासरा में 350 मतों से हार जीत हुई थी। इसी तरह वर्ष 2013 में सुरखी में 141 और 2008 में धार में 1, पन्ना में 42, परासिया में 93 और सोनकच्छ में 191 मतों से हार-जीत का फैसला हुआ था।

कुछ सीटों पर हमेशा कम मतदान

प्रदेश में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत भी कम ही रहता है। वर्ष 2018 में जोबट में 52.71 प्रतिशत, वर्ष 2013 में जोबट में 49.37 और ग्वालियर पूर्व में 54. 45 प्रतिशत और वर्ष 2008 में अंबाह में 49.13 और जोबट में 48.98 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जो बहुत ही कम था।

सैलाना में 89 फीसदी मतदान हुआ था

इसी तरह वर्ष 2018 में प्रदेश में सैलाना में 89 प्रतिशत मतदान हुआ था और प्रदेश में 71 के करीब सीटों पर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था। भारत में मतदान अनिवार्य तो नहीं है, पर वोट देने जाना हर नागरिक का एक संवैधानिक कर्तव्य है और अधिक से अधिक मतदान कर जागरूक नागरिक का परिचय देना चाहिए।

प्रदेश के मतदाता

कुल मतदाता 5,60,60,925
पुरुष 2,88,25,607
महिला 2,72,33,945
थर्ड जेंडर 1373

चुनाव मैदान में उम्मीदवार

कुल उम्मीदवार 2533
पुरुष 2280
महिला 252
थर्ड जेंडर 1

ये जानकारी भी अहम

निर्वाचन प्रक्रिया में लगे कर्मचारी 2,25,616
मतदान केंद्रों की संख्या 64,523
मतदान समय सुबह 7 से 6 तक



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By attkley

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