Mamata Banerjee: भारत के लिए बेहद सम्मान की बात है कि हमारी टीम इंडिया क्रिकेट वर्ल्ड के फाइनल में पहुंच चुकी है. अजेय टीम इंडिया की सराहना पूरी दुनिया कर रही है. विरोधी भी भारतीय क्रिकेट धुरंधरों की तारीफों में पुल बांध रहे हैं. लेकिन सियासत यहां भी बाज नहीं आई. वर्ल्ड कप के फाइनल से पहले टीएमसी वाली ममता दीदी ने क्रिकेट को राजनीति से ‘संक्रमित’ कर दिया. ममता दीदी को शायद यह नहीं पता कि सबसे गंदा रंग नफरत का होता है. यह रंग चढ़ते ही, अपने पल भर में पराये लगने लगते हैं. कहना नहीं चाहिए लेकिन ममता दीदी भी इसी रंग में सराबोर दिख रही हैं.

पहले आपको इस घटनाक्रम के मूल में ले चलते हैं. भारतीय क्रिकेट टीम हमेशा ब्लू यानी नीली जर्सी में दिखाई देती है. ऑस्ट्रेलिया से 19 नवंबर को होने वाले फाइनल मैच से पहले इंडियन क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऑरेंज यानी गेरुआ रंग की जर्सी में दिखे. एकदम यहीं से ममता दीदी ने एंट्री मारी और क्रिकेट को सियासी रंग में रंग दिया. उन्हें इंडियन टीम ऑरेंज या गेरुआ या संतरा रंग में नहीं दिखी.. उन्हें दिखा भगवा रंग.

ममता के बोलबचन..

  • भाजपा ने न केवल क्रिकेट टीम की जर्सी में बल्कि मेट्रो स्टेशनों की पेंटिंग में भी भगवा रंग जोड़ दिया है. 
  • वे पूरे देश को भगवा रंग में रंगने की कोशिश कर रहे हैं. 
  • हमारे लड़के अब भगवा रंग की जर्सी में अभ्यास करते हैं. 
  • मेट्रो स्टेशनों को भगवा रंग से रंग दिया गया है.

कोई नेता ‘भगवा’ बोलता है तो समझ लीजिए उसके मन में भाजपा के प्रति गहरी नफरत है. लेकिन यहां क्रिकेट हो रहा है.. यह कोई राजनीति का अखाड़ा तो नहीं है. फिर ममता दीदी के मुंह से भग-भग भगवा ही क्यों निकल रहा? ममता दीदी की मंशा साफ है, उन्हें सिर्फ भाजपा को जी भर के कोसना है. लेकिन ये बात हजम नहीं हुई ममता दीदी. यहां आपकी आलोचना होनी अति आवश्यक हो जाती है. क्योंकि आपने अपनी सियासी रोटी सेंकने के लिए देश के गौरव और सम्मान से बेहिचक खिलवाड़ किया है.

इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया के भगवा जर्सी में आते ही आप पर नफरती रंग चढ़ गया है. ये वक्त भारतीय खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने का है. उनके लिए दुआ कीजिए. सियासत से बाहर निकलकर क्रिकेट का आनंद लीजिए. भगवा और भाजपा पर ‘सियासी विस्फोट’ के मौके और भी मिल जाएंगे. लेकिन आपसे विनती है, क्रिकेट को तो बख्श दीजिए.

ममता दीदी.. लिखते-लिखते आपके प्रति एक ख्याल और मन में आया है. कल और परसों छठ है. छठ आपके यहां भी मनाई जाती है. यह हिंदुस्तान के दिल से सीधा कनेक्शन रखता है. आस्था और परंपरा की सुंदरता बिखेरता यह त्योहार ‘नहाय-खाय’ से लेकर अंतिम दिन ‘उषा अर्घ्य’ तक बड़े ही साफ मन से मनाया जाता है. इसका बेहद महत्वपूर्ण पार्ट ‘सूरज’ है. ममता दीदी.. ये आपको इसलिए बता रहा हूं क्योंकि उगते और ढलते सूरज का रंग ‘भगवा’ ही होता है. इसपर मत सियासत करने लगियेगा. पहले ही आपको चेता दिया, यहां भगवा पर फड़कीं तो माफी मांगने से भी काम नहीं चलेगा.



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *