Uttarakhand Tunnel Collapse Latest News: उत्तरकाशी (Uttarkashi) में 41 जिंदगियों को बचाने के लिए राहत और बचाव जारी है. पिछले 8 दिनों से 41 मजदूर टनल में फंसे हुए हैं. मशीनों के साथ साथ दुआओं का भी सहारा लिया जा रहा है. एक तरफ ड्रिलिंग मशीनें रोज मजदूरों के लिए मेहनत करती नजर आती हैं तो दूसरी तरफ मजदूरों के परिवारवाले उनके सकुशल सुरंग से बाहर आने की कामना कर रहे हैं. इस बीच, पहली बार सुरंग के अंदर से थोड़ी राहत की खबर आई है. ये तो पता है कि उनके पास बिजली-पानी है. अब ये भी बताया गया है कि मजदूरों तक खाना कैसे पहुंचाया जा रहा है? उनको खाने में क्या-क्या दिया जा रहा है?

टनल में फंसे मजदूरों का कैसे रखा जा रहा ख्याल?

रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी अनुराग जैन ने कहा कि सौभाग्य से मजदूरों के पास टनल में 2 किलोमीटर का पूरा हिस्सा है. उस एरिया में पानी और बिजली है. अब सबसे जरूरी सामान खाना है. इसके लिए यहां 4 इंच की एक पाइपलाइन है जिसके जरिए हम कुछ ड्राई फ्रूट्स भेज सकते हैं. हम डॉक्टरों से सलाह लेकर कुछ दवाएं भी भेज रहे हैं. हम वहां विटामिन B और C की गोलियां भी भेज रहे हैं. वे लोग टनल में बहुत दिनों से काम करते रहे हैं. इसीलिए उनमें निराशा नहीं है. वक्त लगेगा पर हम उन्हें बाहर जरूर निकाल लेंगे.

कब तक खत्म होगा रेस्क्यू ऑपरेशन?

टनल से आज की सबसे बड़ी खबर है कि दो से ढाई दिन में ऑपरेशन पूरा हो सकता है. टनल में ड्रिल का काम एक बार फिर शुरू हुआ. अब मजदूरों को दाल-चावल और रोटी-सब्जी भी भेजने की बात हो रही है. स्विट्जरलैंड, अमेरिका जैसे देशों के एक्सपर्ट से राय ली जा रही है. ऑपरेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार जानकारी ले रहे हैं.

टनल में जिंदगी की जंग का 8वां दिन

हादसे को 8 दिन हो चुके हैं. लेकिन रोजाना रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जल्द से जल्द मजदूरों को सुरंग से निकाल लिया जाएगा. वहीं मजदूरों के परिवारवाले भी परेशान हैं. कई हादसे वाली जगह पर ही रुके हुए हैं. हर पल उनकी आंखें सुरंग की तरफ देखती हैं. लेकिन कोई खबर नहीं मिलने पर उदास हो जाती हैं.

ऑपरेशन में जुटे 8 एजेंसियों के एक्सपर्ट

उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर काम हो रहा है. 8 एजेंसियों के एक्सपर्ट ऑपरेशन में जुटे हैं. NHIDCL, BRO, RVNL, ONGC के एक्सपर्ट के साथ NDRF, SDRF, PWD, ITBP के एक्सपर्ट भी मौके पर मौजूद हैं. मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए नार्वे के टनल एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है.

हॉलैंड से नई ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है. एक साथ 5 तरफ से ड्रिलिंग की जाएगी. साथ ही जिओ मैपिंग के जरिए लोकेशन की तलाश की जा रही है. वहीं सिलक्यारा टनल में मजदूरों तक खाने की सामग्री पहुंचाने के लिए एक नया पाइप डाल दिया गया है. इसके जरिए अब खाने-पीने का ज्यादा सामान और दूसरी जरूरत की चीजें भेजी जा सकती हैं.

पिछले 8 दिनों से जारी जंग कब खत्म होगी ये साफ कहा नहीं जा सकता. एक्सपर्ट भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन रोजाना वादे कर रहा है लेकिन अभी तक सफलता हासिल नहीं हुई है. सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार नजर बनाए हुए हैं. अब एक्सपर्ट को तकनीक का ही सहारा दिख रहा है. जाहिर है टनल में फंसे मजदूरों की जिंदगी में कब खुशियां आएंगी ये कहा नहीं जा सकता.



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By attkley

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