BJP: Yogi Adityanath
– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht

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जातिगत जनगणना और जातिगत आरक्षण का दांव चलकर विपक्ष भाजपा को लोकसभा चुनाव 2024 में घेरने की रणनीति बना चुका है। राहुल गांधी, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव और स्टालिन रोज इस मुद्दे को नए-नए तरीके से धार दे रहे हैं। भाजपा योगी फ़ॉर्मूले के सहारे विपक्ष के इस हमले को ध्वस्त करने की तैयारी कर रही है। इसके अंतर्गत जिन ओबीसी-दलित जातियों को अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें प्राथमिकता के साथ उन्हीं वर्गों की उपश्रेणी में आरक्षण दिलवाना और नई जातियों को भी ओबीसी-दलित जातियों में शामिल करना शामिल है।

इसके साथ ही संगठन से लेकर सरकार तक में ओबीसी–दलित जातियों की भागीदारी को और अधिक मजबूत बनाकर उनका सामाजिक सशक्तीकरण करके उन्हें अपने साथ जोड़ने का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है। भाजपा ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभार्थी वर्ग बनाकर भी इन वर्गों को अपने से जोड़ने की कोशिश की है। लोकसभा चुनाव के पहले इस रणनीति को और अधिक धार दी जा सकती है।  

इसके पूर्व योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन्हीं वर्गों की उपश्रेणियों का निर्माण कर इन्हें आरक्षण का अधिक लाभ देने की रणनीति अपनाई थी, जिसका विपक्षी दलों की ओर से विरोध हुआ था। योगी आदित्यनाथ सरकार ने आर्थिक-सामाजिक तौर पर पिछड़ी कुछ अन्य नई जातियों को भी इन वर्गों में शामिल करने की रणनीति अपनाई थी। यह मामला अदालत की चौखट तक जा पहुंचा था। लेकिन नए संदर्भों में इस कोशिश को एक बार फिर मजबूती से आजमाया जा सकता है।








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By attkley

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