Annie Raja
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केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की उम्मीदवार एनी राजा सिर्फ वामपंथी खेमे में बड़ा नाम नहीं हैं, बल्कि महिलाओं के हक में उठने वाली उनकी मुखर आवाज को देशभर में पहचाना जाता है। सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी होने के साथ ही वह पार्टी की महिला इकाई भारतीय राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (एनएफआईडब्ल्यू) की महासचिव भी हैं। 2022 में जब केरल में सत्तारूढ़ उनकी पार्टी के गठबंधन साथी सीपीआई-एम के नेता एमएम मणि ने एक महिला विधायक पर अभद्र टिप्पणी की, तब भी एनी विरोध से नहीं चूकीं। मणि ने विधायक केके रमा को कहा था कि उन्हें तो विधवा होना ही था। एनी ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि एक महिला की पीड़ा का सदन में मजाक बनाना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा।
1960 के दशक में केरल के कन्नूर जिले के इरती गांव के ईसाई परिवार में जन्मीं एनी के पिता थॉमस कम्युनिस्ट पार्टी के सक्रिय सदस्य थे। एनी का बचपन नन बनने की शिक्षा प्राप्त करते हुए स्थानीय चर्च की सेवा व कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई करते बीता। वह 1980 के दशक से ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गई थीं।
भाजपा की कट्टर आलोचक एनी राजा का कहना है कि अगर कांग्रेस को वाम दलों के साथ मिलकर भाजपा से लड़ना है, तो राहुल गांधी को किसी ऐसी सीट से लड़ना चाहिए, जहां वे किसी भाजपाई उम्मीदवार को चुनौती दें। वायनाड सीट को सीपीआई के लिए छोड़ देना चाहिए।
सीपीआई के राजा-रानी…
1990 में कन्नूर में सीपीआई महिला मोर्चा की सचिव रहने के दौरान एनी की मुलाकात डी राजा से हुई। बाद में दोनों विवाह बंधन में बंध गए। पार्टी में दोनों को शुरुआत से ही सीपीआई का राजा-रानी कहा जाने लगा था। आज, असल में पार्टी इन्हीं दोनों के हाथों में है। इनकी बेटी अपराजिता भी पार्टी की छात्र इकाई में अहम पद पर हैं।
जताए इरादे, पेश करेंगी कठिन चुनौती
केरल में कांग्रेस सत्ताधारी गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के खिलाफ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। यहां सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाई। इस बीच, सीपीआई ने राहुल गांधी के खिलाफ एनी के रूप में प्रमुख चेहरे को उतारकर अपने इरादे जता दिए हैं। वह इस सीट पर नूरा कुश्ती नहीं, बल्कि राहुल को हराने के लिए लड़ेगी। राहुल 2019 में अमेठी में भाजपा की स्मृति इरानी से हार चुके हैं।