बदायूं की बाबा कॉलोनी में ठेकेदार विनोद कुमार के दो बच्चों आयुष (13) और अहान (06) की चाकू से काटकर हत्या करने की जघन्य वारदात के चौथे दिन भी लोग हत्या की वजह जानने को उत्सुक हैं। पुलिस जो वजह बता रही है, वह लोगों के गले नहीं उतर रही। वे जावेद की कहानी पर भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं।
बाबा कॉलोनी के लोगों ने साजिद के मानसिक बीमार होने की कहानी को तो सिरे से ही खारिज कर दिया है। लोग कहते हैं कि वे वर्षों से साजिद की दुकान पर बाल कटवा रहे थे। कॉलोनी के तमाम बच्चे भी उसकी ही दुकान पर बाल कटवाते थे। कभी ऐसा नहीं लगा कि साजिद मानसिक बीमार था या बच्चों से नफरत करता था।
साजिद की मनोदशा के बारे में जानने के लिए जब शुक्रवार को बाबा कॉलोनी के लोगों और उसके सैलून पर बाल कटवाने वाले बच्चों से बात की गई तो सभी ने उसके व्यवहार की तारीफ की। कहा, कभी उसका व्यवहार असामान्य नहीं लगा।
बच्चों ने बताया कि वे साजिद और जावेद को अंकल और भैया कहते थे। दोनों ही बच्चों को दुलारते थे और बाल भी काटते थे। कॉलोनी के लोग बोले- उन्हें भी कभी ऐसा नहीं लगा कि साजिद बच्चों से नफरत करता था।
बाबा कॉलोनी की दूसरी गली में रहने वाले देश शर्मा ने बताया कि वह और उनके दोनों बेटे बाल कटवाने साजिद की ही दुकान पर जाते थे। उन्होंने कभी साजिद की कोई ऐेसी हरकत नहीं देखी जिससे यह लगे कि वह मानसिक रूप से परेशान था या बच्चों से नफरत करता था।
घटना के बाद से कॉलोनी के लोग इस बात को लेकर अचंभित हैं कि आखिर साजिद को क्यों मानसिक बीमार बताया जा रहा है। वह तो अच्छा-भला था। परचून दुकानदार रवि ने बताया कि वह जब भी बाल कटवाने जाते तो साजिद बड़े प्रेम से बात करता था। कभी वह मानसिक रूप से बीमार नहीं लगा।