जस्टिस बीवी नागरत्ना
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हैदराबाद के एनएएलएसएआर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में न्यायालयों और संविधान सम्मेलन का पांचवां संस्करण आयोजित किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने संबोधित किया। इस दौरान पंजाब के राज्यपाल का जिक्र करते हुए उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपालों को अनिश्चितकाल तक रोक के प्रति आगाह किया।   

संविधान सम्मेलन में उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनके पास फ्लोर टेस्ट की घोषणा करने के लिए पर्याप्त सामाग्री ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि किसी राज्य के राज्यपाल के कार्यों या चूक को अदालतों के समक्ष विचार के लिए लाना कानून के अनुसार स्वस्थ प्रवृत्ति नहीं है। जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा कि मुझे राज्यपाल कार्यालय से अपील करनी चाहिए कि यह एक संवैधानिक पद है। राज्यपालों को संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए, जिससे इस प्रकार के मुकदमेबाजी अदालत में कम हों। राज्यपालों को किसी काम को करने या न करने के लिए कहना काफी शर्मनाक है। राज्यपालों को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए।  

नोटबंदी पर असहमति इसलिए जताई

इसके अलावा,जस्टिस नागरत्ना ने नोटबंदी पर असहमति जताने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि मैंने केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ असहमति जताई, क्योंकि इससे आम आदमी को काफी परेशानी उठानी पड़ी। मुझे लगा था कि प्रतिबंध से भारत सरकार ने कथित तौर पर काले धन के खिलाफ कार्रवाई की। सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया, जो कुल मुद्रा का 86 प्रतिशत था। 98 प्रतिशत पुराने नोट बैंकों में वापस भी आ गए लेकिन उसके बाद आयकर विभाग की कार्रवाई के बारे में क्या हुआ। सरकार के इस फैसले से आम आदमी बहुत अधिक परेशान हो गया। आम आदमी की दुर्दशा के कारण ही मुझे असहमति जतानी पड़ी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 2023 में 4:1 के बहुमत से विमुद्रीकरण योजना की वैधता को बरकरार रखा था। मामले में सिर्फ जस्टिस नागरत्ना ने असहमति जताई थी। 

पाकिस्तानी न्यायाधीश ने भी सम्मेलन को किया संबोधित

सम्मेलन में नेपाल और पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालायों के न्यायाधीश- न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और सैयद मंसूर अली शाह के संबोधन सुने गए। साथ ही तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराध और एनएएलएसएआर के चांसलर न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।






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By attkley

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