पारसनाथ राय
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भाजपा ने गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से पारसनाथ राय को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया। पारसनाथ को ही भरोसा नहीं हो रहा था कि उन्हें टिकट मिला है। जब पारसनाथ के नाम का एलान किया गया, तब वह अपने ही विद्यालय में कक्षा सात के विद्यार्थियों को संस्कृत पढ़ा रहे थे। 

भाजपा के एक पदाधिकारी ने फोन करके उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट मिलने की जानकारी दी। यह सुनते ही पारसनाथ बोल पड़े, क्या यह सही है? टिकट मिलने की बात पर उन्हें भरोसा दो घंटे बाद हो सका। फिर कहा कि इसकी कल्पना नहीं की जा सकती, लेकिन पार्टी छोटे कार्यकर्ताओं का भी सम्मान करती है। 

2 जनवरी 1955 को जन्मे पारसनाथ राय मनिहारी ब्लॉक के सिखड़ी निवासी हैं। वह शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के करीबियों में हैं। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े बेटे आशुतोष राय 2014 में भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इस वक्त भाजपा संगठन में काम कर रहे हैं। है। छोटे बेटे आशीष राय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं।

भाजपा से टिकट मिलने पर पारसनाथ राय ने खुशी जताई और कहा कि बुधवार की दोपहर करीब डेढ़ बजार रहे थे। पंडित मदन मोहन मालवीय सिखड़ी इंटर कॉलेज में कक्षा सात के विद्यार्थियों को संस्कृत पढ़ा रहा था। इसी बीच भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह का फोन आया। जिलाध्यक्ष ने ही प्रत्याशी बनाए जाने की जानकारी दी। हालांकि मुझे दो घंटे तक विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद घर आए और पहले से तय कार्यक्रम के चलते जिला स्तर पर आयोजित संघ की बैठक में चले गए। जब बधाइयां मिलने लगी, तब वास्तव में टिकट मिलने का विश्वास हुआ। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई थी। न ही कभी टिकट मांगा था, लेकिन भाजपा अपने कार्यकर्ताओं का ख्याल रखती है। 



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By attkley

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