Indian deck cadet Ann Tessa Joseph:  कैडेट एन टेसा जोसेफ गुरुवार (18 अप्रैल) को केरल के कोचीन एयरपोर्ट उतरीं. उनका यहां रीजनल पासपोर्ट अधिकारी ने स्वागत किया. जोसेफ उस जहाज में बंधक थीं, जिसको ईरान ने अपने कब्जे में किया हुआ है. इस जहाज में कुल 25 लोग सवार थे, जिनमें 17 भारतीय हैं और इसमें एक महिला जोसेफ भी थीं. जहाज पर सवार भारतीय महिला जोसेफ ने अपनी वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय को धन्यवाद दिया है. केरल की एन टेसा जोसेफ पांच दिन से ईरान में फंसी थीं. 

उनकी वापसी को भारत की महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा जा रहा है. घर पहुंचने के बाद जोसेफ ने वहां की आपबीती सुनाई. जोसेफ ने बताया कि जहाज बंधक बनाने के बाद कैसे सभी को रखा गया और बाकी 16 भारतीय कहां हैं? उनके साथ किया हुआ. जानें किन्हें दिया दिल से बधाई.

सरकार को दिया धन्यवाद
जोसेफ ने कहा, मुझे कई लोगों को धन्यवाद देना है. सबसे पहले और मुख्य रूप से विदेश मंत्रालय के सीधे हस्तक्षेप के कारण मुझे इतनी जल्दी रिहाई मिली है. सिर्फ उन्होंने ही नहीं, बहुत से ऐसे लोगों ने भी इसके लिए काम किया जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती. मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना घटेगी. मैं जानती थी कि युद्ध चल रहा है, लेकिन इसकी उम्मीद नहीं थी.

ईरान ने बंधकों के साथ क्या किया?
जोसेफ ने बातचीत में बताया कि भले ही ईरान ने जहाज को जब्त कर लिया, लेकिन उन्होंने हमारे क्रू मेंबर्स के साथ उन लोगों का बहुत अच्छा व्यवहार किया. 

खाना मिलता था?
खाने की बात पूछने पर जोसेफ ने बताया कि खाने की कोई दिक्कत नहीं थी. मेस में खाना बना सकते थे, अनाउंसमेंट करा देते थे- हमें खाना खाना है और वापस केबिन में जाना है.

सबसे बड़ी बात

जोसेफ का कहना था कि हम सबको डर था कि ये लोग हमें परेशान न करें, लेकिन उन्होंने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. उनका क्रू को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. वहां मेरे समेत चार केरलवासी थे. अब वहां 16 भारतीय बचे हैं. जब कल वाणिज्य दूतावास से बात की तो जानकारी दी गई कि शीघ्र रिहाई होगी. केंद्र सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है.

‘मैं फिर अपने काम पर लौटूंगी’

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना के बाद वो फिर से वापसी करेंगी? इस पर उन्होंने कहा, मैंने यह नौकरी इसलिए की क्योंकि मैं इस क्षेत्र में काम करना चाहती थी. इसलिए, मैं निश्चित रूप से इस क्षेत्र में काम करने के लिए वापस जाऊंगी. ऐन टेसा का कहना था कि 25 लोगों में से मैं अकेली महिला थी और मैं अकेली हूं, जो वापस आई हूं. मैं निश्चित रूप से वापस जाऊंगी, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे मैंने अपनी गहरी रुचि के कारण चुना है.

अभी केरल के कई लोग फंसे
ऐन टेसा के अलावा केरल का अन्य क्रू स्टाफ अभी भी ईरान में फंसा है. वायनाड के मननथावाडी निवासी इंजीनियर पीवी धनेश (32), कोझिकोड के मावूर निवासी इंजीनियर श्याम नाथ (31) और पलक्कड़ के केरलस्सेरी निवासी इंजीनियर एस सुमेश (31) जहाज में सवार थे.

‘इजरायल और ईरान के बीच बढ़ गया तनाव’
भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने मंगलवार को इंडिया टुडे को बताया था कि जहाज में सवार सभी 17 भारतीय सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि खाड़ी में मौसम की स्थिति अच्छी नहीं है और मौसम साफ होने पर जहाज पर मौजूद भारतीयों को घर भेज दिया जाएगा. ईरान द्वारा इजरायल पर 300 से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन दागे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

जयशंकर ने जताई खुशी
जोसेफ की वतन वापसी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुशी जताई. उन्होंने X पर लिखा, शानदार काम इंडियन एम्बेसी, खुशी है कि एन टेसा जोसेफ घर पहुंच गई हैं. मोदी की गारंटी देश या विदेश हमेशा सभी जगह काम करती है.’

जहाज पर ईरान ने किया था कब्जा
इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था. इसकी जानकारी 13 अप्रैल को दी गई थी. इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे। 16 भारतीय अब भी शिप पर है. शिप इजराइली अरबपति का था और भारत आ रहा था.



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By attkley

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