जो बाइडन, बेंजामिन नेतन्याहू
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गाजा में जारी युद्ध को लेकर अब अमेरिकी सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है और राष्ट्रपति जो बाइडन घर में ही घिरते जा रहे हैं। दरअसल गाजा युद्ध के मुद्दे पर अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ये विरोध प्रदर्शन व्यापक पैमाने पर हो रहे हैं और हालात ये हैं कि अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में अकादमिक सत्र बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है और हजारों छात्रों के साथ ही अध्यापक और अन्य स्टाफ भी फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में शामिल हैं। 

गाजा युद्ध को लेकर बाइडन पर बढ़ा दबाव

अमेरिकी की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लेकर कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी तक सभी में फलस्तीन समर्थक रैलियां निकाली जा रही हैं और हजारों छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र गाजा में हो रही आम नागरिकों की मौतों के लिए बाइडन सरकार और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कक्षाएं स्थगित चल रही हैं। येले पुलिस ने दर्जनभर प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार भी किया है। यूनिवर्सिटी परिसर में फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने तंबू भी गाड़ दिए हैं। ऐसा ही हाल अमेरिका के अन्य कॉलेजों का भी है।  

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि स्कूल-कॉलेजों में युद्ध को लेकर प्रदर्शन बढ़ रहे हैं। छात्र तंबुओं में रह रहे हैं और इससे विश्वविद्यालयों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इससे अराजगता का माहौल पैदा हो रहा है। न्यूयॉर्क पुलिस ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से कई प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया है। दरअसल फलस्तीन समर्थक छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तोड़े और अराजकता फैलाई। जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में भी फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी छात्रों ने 15 के करीब तंबू गाड़ दिए हैं। छात्रों के विरोध प्रदर्शन की कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। 

व्हाइट हाउस ने की निंदा

एक वीडियो में तो कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक भारतीय मूल की छात्रा प्रदर्शन करते दिख रही है और वह ‘आजादी, ले के रहेंगे आजादी’ जैसे नारे लगा रही है। कुछ साल पहले भारतीय विश्वविद्यालयों में भी ऐसे ही नारे सुनाई दिए थे। व्हाइट हाउस ने विश्वविद्यालयों में चल रहे इन विरोध प्रदर्शनों पर नाराजगी जताई। राष्ट्रपति जो बाइडन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहूदियों के खिलाफ हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों की मैं कड़ी निंदा करता हूं। मैं उन लोगों की भी निंदा करता हूं, जो ये नहीं समझते कि फलस्तीन में क्या हो रहा है। 

अमेरिका के दो सांसदों टॉम कॉटन और जोश हॉले ने भी विश्वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शनों की निंदा की और राष्ट्रपति से मांग की कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाए। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के अलावा बॉस्टन यूनिवर्सिटी, हावर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। 

 



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By attkley

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