सुप्रीम कोर्ट (फाइल)
– फोटो : एएनआई

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सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की छुट्टी को लेकर एक टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि जो लोग न्यायालय और न्यायाधीशों की लंबी छुट्टियों को लेकर आलोचना करते हैं, उन्हें यह नहीं पता कि न्यायाधीशों को तो शनिवार और रविवार को भी छुट्टी नहीं मिलती। छुट्टी का मुद्दा तब सामने आया, जब शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के एक मामले में दलीलों के लिए गुरुवार का दिन तय किया। अदालत ने दोनों पक्षों से कहा कि शीर्ष अदालत के 20 मई से गर्मियों की छुट्टियों पर जाने से पहले दलीलें पूरी कर ली जाएं। 

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीबीआई पर राज्य से पूर्व अनुमति लिए बिना जांच करने का आरोप लगाया गया है।  

रोजाना 50-60 मामले देखते हैं न्यायाधीश, वह छुट्टियों के हकदार: मेहता

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘जो लोग यह आलोचना करते हैं कि शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट लंबी छुट्टियां लेते हैं, उन्हें नहीं पता कि न्यायाधीश कैसे काम करते हैं।’ उन्होंने केंद्र का पक्ष रखते हुए पीठ से कहा, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश रोजाना 50 से 60 मामले देखते हैं और वह छुट्टियों के हकदार हैं।  

छुट्टियों में लंबे फैसले लिखते हैं न्यायाधीश

इस पर न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘जो लोग आलोचना करते हैं, उन्हें यह नहीं पता कि हमें शनिवार और रविवार को भी छुट्टी नहीं मिलती।’ पीठ ने कहा, छुट्टियों के दौरान न्यायाधीशों को उनके द्वारा सुने गए मामलों के लंबे फैसले लिखने होते हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से मामले में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘यह देश में सबसे कठिन काम है।’ 





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By attkley

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