प्रवर्तन निदेशालय।
– फोटो : ANI

विस्तार


झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय ने जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि इस मामले में ईडी द्वारा इससे पहले झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि संजीत कुमार, मोहम्मद इरशाद और तापस घोष को धन शोधन निवारण के प्रावधान (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। 

जमीन से जुड़े अभिलेखों से की छेड़छाड़

इन सभी को जमीन से जुड़े अभिलेखों में जालसाजी और छेड़छाड़ का आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन सभी ने कागजों में छेड़छाड़ कर जमीन की प्रकृति को बदलकर गैर-बिक्री योग्य दिखाया। केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि छोटा नागपुर किराएदारी एक्ट (सीएनटी एक्ट) यह जमीन बिक्री योग्य नहीं थी। बता दें कि सीएनटी एक्ट, आदिवासियों की जमीन के अधिकारों की रक्षा करता है।

जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में सीएम हेमंत सोरेन, आईएएस अफसर छवि रंजन, पुलिस उप निरीक्षक भानू प्रताप समेत अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।  

8.86 एकड़ जमीन से जुड़ा है मामला

हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ 30 मार्च को विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। हेमंत सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी। उन्होंने यहा भी कहा था कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश रची गई।

ईडी ने रांची में स्थित जमीन भी कुर्क की है।  ईडी के अनुसार सोरेन समेत कई लोगों पर भू-संपत्तियों के रूप में अवैध कब्जे और अधिग्रहण से जुड़ी गतिविधियों में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। ईडी ने दावा किया था कि झारखंड में भू-माफिया का एक रैकेट सक्रिय है, जो रांची में जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता है।



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *