काराकाट लोकसभा क्षेत्र में पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
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भोजपुर सुपरस्टार और काराकाट लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह ने अपनी मां प्रतिमा देवी का नामांकन वापस करवा लिया है। आज नामांकन वापसी की अंतिम तारीख थी। माना जा रहा है पवन सिंह का नामांकन पत्र स्वीकृत हो गया इसलिए उन्होंने अपनी मां का नामांकन वापस ले लिया। कुछ लोगों का कहना है कि पवन सिंह ने एक अलग ही दांव खेला है। 14 मई की शाम को उन्होंने अपनी मां से नामांकन पत्र दाखिल करवाया। इसके बाद नामांकन वापस भी ले लिया। पिछले नौ मई को पवन सिंह ने अपना नामांकन किया था।

काराकाट लोकसभा सीट से कुल 27 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया था। जिसमें 13 प्रत्याशियों का नाम स्कूटी के बाद स्वीकृत किया गया और 13 प्रत्याशियों का नामांकन निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा रद्द कर दिया गया। इसके बाद एक निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह की मां प्रतिमा देवी ने नाम वापसी के दिन अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया है।

पवन सिंह को अपना नामांकन रद्द होने का डर था

इस बात की चर्चा थी कि भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का नामांकन षड्यंत्र के तहत रद्द कर दिया जा सकता है। पवन सिंह के टीम की ओर से बताया गया कि नामांकन एक संवैधानिक प्रक्रिया है और कोई भी प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के अलावा अपने किसी करीबी रिश्तेदार के नाम पर भी नामांकन करता है। नामांकन में त्रुटि होने या अन्य कोई कारण यदि उसका नामांकन रद्द हो जाए तो वह अपने करीबी से चुनाव लड़ सकता है। अगर नामांकन रद्द नहीं होना है तो अपने रिश्तेदार का नामांकन वापस ले लेता है। इसलिए एहतियातन के तौर पर पवन सिंह ने भी औरों की तरह अपनी मां प्रतिमा देवी का नामांकन काराकाट लोकसभा क्षेत्र से करवाया है। यह कोई अचंभित बात नहीं है यह सिर्फ संवैधानिक प्रक्रिया है।

कुशवाहा बोले- जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे

बता दें कि काराकाट सीट पर मतदान लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में एक जून को होगा। अभी चौथे और पांचवें चरण की लोकसभा सीटों पर ज्यादातर दलों का ध्यान है। यहां एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पवन सिंह निर्दलीय ही मैदान में उतर चुके हैं। महागठबंधन की ओर से कॉम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने राजा राम सिंह को उतारा है और वह इस बात से खुश भी हैं कि एनडीए के वोटर इस नाम पर बंट रहे हैं। भाजपा नेता खुले तौर पर उपेंद्र कुशवाहा का साथ दे रहे हैं। इधर, उपेंद्र कुशवाहा भी कह रहे हैं कि पवन सिंह सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए अपनी ताकत दिखाकर जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं। 



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By attkley

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