के अन्नामलाई
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तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद राज्य की सियासत में खाली हुई जगह को भर रही है। उन्होंने कहा कि जयललिता बहुत बेहतर हिंदुत्व नेता थीं। 

अन्नामलाई ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को तमिलनाडु में दहाई अंक में मत प्रतिशत हासिल होगा और वह राज्य में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने अन्नामलाई ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक के हिंदुत्व की विचारधारा से दूर होने के कारण रिक्त हुए स्थान को भरने की भाजपा में काफी क्षमता है। 

उन्होंने आगे कहा, जयललित जब तक जीवित थीं, तब तक वह किसी अन्य की तुलना में कहीं बेहतर हिंदुत्व नेता थीं। वर्ष 2014 से पहले जब आपके पास भाजपा जैसी पार्टी थी और नेता के रूप में जयललिता थीं, तो हिंदू मतदाता की स्वभाविक पसंद जयललिता थी। जिन्होंने अपनी हिंदुत्व पहचान को सार्वजनिक तौर पर जाहिर किया था। 

अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा के नेताओं के अलावा जयललिता देश की पहली राजनेता थीं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे का समर्थन किया था। उन्होंने 2002-03 में तमिलनाडु में धर्मांतरण रोधी कानून बनाया था। उन्होंने आगे कहा, जयललिता ने धर्मांतरण रोधी कानून बनाया, मंदिरों को दान दिया, श्रीरंगम से चुनाव लड़ा, बड़े पैमाने पर मंदिरों के पुनरुद्धार करने के प्रयास किए और सभी प्रमुख मंदिरों को हाथी उपहार में दिए। उनकी गतिविधियों पर नजर डालें तो वह कहीं बेहतर हिंदू नेता थीं। 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा, 2016 में जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक ने हिंदुत्व के आदर्शों से किनारा किया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से हाथ मिलाया, जिसे प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पीएफआई की राजनीतिक शाखा माना जाता है। उन्होंने कहा, तमिलनाडु में पहली बार हिंदू एक समूह के रूप में किसी ऐसी पार्टी की तलाश कर रहे हैं, जो उनके मंदिरों की रक्षा करेगी, तो स्वभाविक रूप से वह पार्टी भाजपा है। 





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By attkley

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