चीन के कब्जे वाले तिब्बत के शिगात्से एयरबेस पर तैनात जे-20 फाइटर जेट्स
– फोटो : ऑलसोर्स एनालिसिस

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सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने सिक्किम में भारतीय सीमा से 150 किलोमीटर से भी कम दूरी पर अपने सबसे एडवांस जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट्स को तैनात किया है। वहीं हाल ही में वॉशिंगटन के थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे विवादित इलाके में 2018 और 2022 के बीच 624 गांव बसाए हैं। ये गांव चार अलग-अलग जगहों पर बसाए जा रहे हैं। 

सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए खुफिया जानकारी एकत्र करने वाली ऑलसोर्स एनालिसिस ने खुलासा किया है कि तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से में चीन की वायुसेना ने अपने एडवांस जे-20 स्टील्थ लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। चीन शिगात्से में बने इस एयरपोर्ट का उपयोग सैन्य और नागरिक हवाई अड्डे के तौर पर करता है। यह हवाई अड्डा 12,408 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई अड्डों में से एक है। सैटेलाइट तस्वीरों में केजे-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट भी दिखाई दे रहा है।

शिगात्से में जे-20 विमानों की तैनाती आश्चर्यजनक

वहीं भारतीय वायु सेना को भी इन जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती के बारे में जानकारी है। 27 मई, 2024 को मिलीं कई सैटेलाइट तस्वीरों का ऑल सोर्स एनालिसिस ने विश्लेषण किया है। उनके मुताबिक जे-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान चीन का अभी तक का सबसे एडवांस ऑपरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट है। वहीं इस विमान को चीन के पूर्वी प्रांतों में तैनात किया गया है। तिब्बत के शिगात्से में इन विमानों की तैनाती आश्चर्यजनक है। ऑलसोर्स एनालिसिस ने विश्लेषण के मुताबिक ये विमान 27 मई 2024 को ही एयर बेस पर पहुंचे थे। इससे पहले ग्राउंड क्रू और सहायक उपकरणों की संभावित तैनाती के लिए वाई-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने लैंडिंग की थी। हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि चीन ने इन जे-20 फाइटर एयरक्राफ्ट को शिगात्से में स्थायी रूप से तैनात किया है, या टैंपेररी हैं। लेकिन भारतीय सीमा के पास उनकी तैनाती चौंकाने वाली है। 

शिगात्से में छह जे-20 लड़ाकू विमान

शिगात्से में छह जे-20 लड़ाकू विमानों के अलावा, 8 जे-10 लड़ाकू विमान और एक केजे-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट भी दिखाई दे रहा है। हालांकि भारत ने भी चीन से तनातनी को देखते हुए 36 राफेल लड़ाकू विमानों के बेड़े को एलएसी पर तैनात किया है। हालांकि गुरुवार को ही वायुसेना ने आधिकारिक तौर पर बताया था कि उनमें से 8 राफेल फाइटर जेट अमेरिकी वायु सेना के साथ हवाई युद्ध अभ्यास के लिए अलास्का गए हुए हैं। शिगात्से एयरबेस पश्चिम बंगाल के हाशीमारा से 290 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है, जहां भारत ने 16 राफेल के अपने दूसरे स्क्वाड्रन को तैनात किया है। वहीं गंगटोक से इसकी दूरी 233 किमी है।

होटन एयरबेस पर तैनात किए कई फाइटर जेट

इससे पहले चीन ने अपने कब्जे वाले तिब्बत में जे-20 फाइटर जेट्स की तैनाती की थी। चीन के होटन प्रांत के झिंजियांग में जे-20 विमानों को देखा गया था। इससे पहले इस अप्रैल महीने में सैटेलाइट इमेज से ही खुलासा हुआ था कि चीन ने लेह एयरबेस से 382 किमी दूर होटान एयरबेस पर नए रनवे का निर्माण किया है। होटान एयरबेस पर बने नये रनवे की लंबाई 3700 मीटर है। वहां चीन ने दो रनवे बनाए हैं, जिनमें से एक उपयोग सैन्य गतिविधियों के लिए और पुराने रनवे का इस्तेमाल नागरिक सेवा के लिए कर रहा है। चीन के बनाए नए रनवे की लंबाई अधिक होने की वजह से इस पर छोटे लड़ाकू विमानों के साथ बड़े सैन्य विमानों को भी उतारे जा सकते हैं। होटान एयरबेस पर चीन पहले से ही जे-20 फाइटर जेट, शेनयांग जे-8 इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट, शनाक्सी वाई-8जी और केजे-500 अर्ली वार्निंग अवाक्स एयरक्राफ्ट और एयर डिफेंस यूनिट को तैनात किया है।



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By attkley

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