पीएम मोदी, ममता बनर्जी
– फोटो : एएनआई (फाइल)

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एक कहावत है, अंत भला तो सब भला। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में एक जून को पश्चिम बंगाल की भी नौ सीटों पर मतदान हो रहा है। इन सभी सीटों पर तृणमूल का कब्जा है। इनमें से दो सीटें ऐसी भी हैं, जहां से खुद ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव लड़ कर संसद पहुंच चुकी हैं। ऐसे में इस बार सबसे बड़ा सवाल यह है कि बंगाल में 30 और देश में 400 पार का नारा लगाने वाली भाजपा क्या यहां दीदी को चुनौती दे पाएगी।

मोदी का मैजिक चलेगा या फिर दीदी का जलवा कायम रहेगा। अंतिम चरण में बंगाल की जिन नौ सीटों पर मतदान होना है, वे हैं- कोलकाता उत्तर, कोलकाता दक्षिण, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर और मथुरापुर। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जिस तरह की दावे बंगाल को लेकर कर रहे हैं, ऐसे मे इन नौ में से कितनी जगह भाजपा का खाता खुलेगा यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा।

सभी सीटें तृणमूूल के कब्जे में

कोलकाता दक्षिण: तीन महिलाओं में त्रिकोणीय मुकाबला

इस बार यहां तीन महिलाओं में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस लोकसभा सीट पर पर तृणमूल का कब्जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद यहां की निवासी हैं और वे छह बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इस बार तृणमूल ने निवर्तमान सांसद माला राय को फिर उतारा है, जबकि भाजपा ने देवश्री चौधरी को। वहीं सीपीआई (एम) ने सायरा शाह हलीम को यहां पर उतारा है, जिन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल है। इसी सीट से श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1952 में जीत हासिल की थी।

बारासात: तृणमूल कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग  

यहां से तृणमूल की काकोली घोष दस्तीदार चौथी बार संसद पहुंचने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। यहां के सातों विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस का ही कब्जा है और कई मंत्री भी हैं। यह तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस बार भाजपा उत्साहित है। इसलिए भाजपा ने बनगांव दक्षिण के विधायक स्वपन मजूमदार को यहां से मैदान में उतारा है। मुस्लिम बहुल होने के कारण आईएसएफ ने तापस राय को मैदान में उतार कर मुकाबले को कांटे का बना दिया है।

जादवपुर सीट: भाजपा को उम्मीद, खिलेगा कमल

एक जमाने में यह सीट वामपंथ का गढ़ रही। वामपंथी नेता इंद्रजीत गुप्त और लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2009 से इस सीट पर तृणमूल का कब्जा है, लेकिन इस बार कड़ी टक्कर है। तृणमूल ने सायोनी घोष को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने समाजसेवी डॉ. अनिर्बान गांगुली को उतारा है। सीपीआई (एम) ने सृजन भट्टाचार्य को उतारकर मुकाबले को कड़ा बना दिया है। हालांिक, पीएम की रैली से भाजपाइयों को इस बार कमल खिलने की उम्मीद है।

दमदम: सौगत राय की हैट्रिक को चुनौती देने उतरे शीलभद्र  

ऐतिहासिक शहर दमदम कोलकाता से सटा हुआ है। 1998 में भाजपा ने यहां से खाता खोला था और तपन सिकदर दिल्ली पहुंचे थे। तृणमूल ने सौगत राय को प्रत्याशी बनाया है, जो हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं। जबकि भाजपा ने यहां से शीलभद्र दत्ता को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा को इस बार यहां से बड़ी उम्मीद है। पिछली बार भाजपा को यहां से बहुत कम मार्जिन में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन सीपीआई (एम) ने अपने कद्दावर नेता सुजन चक्रवर्ती को मैदान में उतारकर मुकाबले को कड़ा बना दिया है।

डायमंड हार्बर: हैट्रिक की उम्मीद लगाए बैठे हैं अभिषेक बनर्जी  

तृणमूल के महासचिव और ममता के भतीजे व मौजूदा सांसद अभिषेक बनर्जी चुनाव मैदान में हैं। इस बार वे हैट्रिक की उम्मीद लगाए बैठे हैं। अभिषेक कहते हैं, यहां दूर-दूर तक उनके मुकाबले में कोई नहीं है। लोग केवल जीत का मार्जिन देखना चाहते हैं। भाजपा ने यहां से अभिजीत दास को मैदान में उतारा है। जबकि मुस्लिम बहुल इस सीट पर सीपीआई (एम) ने प्रतिकुर रहमान को प्रत्याशी बनाया है।

बशीरहाट: भाजपा को रेखा पात्रा से उम्मीदें

देश की सबसे चर्चित सीट बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में ही संदेशखाली का इलाका है। यहीं की आदिवासी महिलाओं ने शेख शाहजहां और उसके गुर्गों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने पर आंदोलन किया था। भाजपा ने आंदोलन की अगुआ रेखा पात्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने इसे पूरे बंगाल में चुनावी मुद्दा भी बनाया है। यह सीट 2014 से तृणमूल के पास है। मुस्लिम बहुल इलाके में तृणमूल ने नुसरत जहां की जगह हाजी नुरुल इस्लाम को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सीपीआई (एम) ने निरापद सरदार को प्रत्याशी बनाया है।

जयनगर: प्रतिमा को टक्कर दे रहे हैं भाजपा के कंडारी  

मौजूदा सांसद तृणमूल की प्रतिमा मंडल लगातार तीसरी बार सांसद बनने के लिए मैदान में हैं। तृणमूल कांग्रेस को यकीन है कि इस बार प्रतिमा हैट्रिक लगाने में सफल रहेंगी। भाजपा ने फिर अशोक कंडारी पर विश्वास जताया है और इस बार भी उन्हीं को मैदान में उतारा है। यहां की सभी सातों विधानसभा सीटों पर तृणमूल का कब्जा है।

उत्तर कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर

भाजपा ने तृणमूल छोड़ कर आए तापस राय को प्रत्याशी बनाया है। जबकि तृणमूल ने मौजूदा सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को ही उम्मीदवार बनाया है। वहीं, वाम-कांग्रेस ने प्रदीप भट्टाचार्य को मैदान में उतारा है। तीनों ही पूर्व में कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।

मथुरापुर: तृणमूल का रथ रोकने की कोशिश में भाजपा

एससी के लिए रिजर्व सीट पर 2009 से तृणमूल का वर्चस्व रहा है। तृणमूल ने यहां बापी हालदार को प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने अशोक पुकैत को उम्मीदवार बनाया है। इस बार भाजपा को यहां से काफी उम्मीदें हैं। यहां की सातों विधानसभा पर तृणमूल का कब्जा है।



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By attkley

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