ब्रिक्स
– फोटो : ani

विस्तार


ब्रिक्स देशों के समूह के विदेश मंत्रियों ने आतंक पर शून्य सहिष्णुता का आह्वान करते हुए इसकी निंदा की। इस दौरान सीमा पार आतंकवाद और इसके सभी रूपों से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि भी की गई। बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण और सुरक्षित पनाहगाहों को भी समाप्त करने के उपाय तेज करने का भी फैसला किया गया। ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन सोमवार को रूस के निझनी नोवगोरोद में शुरू हुआ था।

 इसमें इसके 10 सदस्य ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, ईरान, यूएई, सऊदी अरब और इथियोपिया भाग ले रहे हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया। विस्तारित बैठक में रूस की ओर से आमंत्रित 15 देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरे मानकों को खारिज कर दिया। उन्होंने आतंक से लड़ने में देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी तय करने व उससे निपटने के लिए प्रयासों पर जोर दिया। 

आतंकवाद को धर्म और राष्ट्रीयता के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए

सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने जोर दिया कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और आतंकवादी गतिविधियों और उनके समर्थन में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार इसके जिम्मेदार लोगों को कानून के शिकंजे में लाया जाना चाहिए।

 

अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर कन्वेंशन को अंतिम रूप देने का आह्वान

नेताओं ने ब्रिक्स आतंकवाद रोधी कार्य समूह, ब्रिक्स आतंक रोधी रणनीति और ब्रिक्स आतंक रोधी कार्य योजना पर आधारित उसके पांच उपसमूहों की गतिविधियों एवं कार्रवाइयों का स्वागत किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र ढांचे के तहत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक कन्वेंशन को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने का आह्वान किया।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही लगेगी प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी पर रोक

ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने अपने साझा बयान में मादक पदार्थों की तस्करी, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर इसके प्रभावों के बारे में पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार पर रोकथाम अंतरराष्ट्रीय रूप से एक साझा जिम्मेदारी है। इसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विभिन्न देशों के सहयोग से निपटा जाना चाहिए। इसके लिए नीति बनानी जरूरी है



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *