सुरक्षा बल (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : एएनआई (फाइल)

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मणिपुर में लंबे समय से संघर्ष जारी है। प्रदेश के जिरीबाम जिले में हुई हिंसा से छह माह पहले राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तीन बार पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा था। राज्य सरकार ने डीजीपी को बार-बार जिरीबाम में कुकी विद्रोहियों द्वारा उत्पन्न खतरों को रोकने के लिए कहा था।  

मणिपुर के जिरीबाम में रविवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के बीट ऑफिस सहित 70 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया था। आग लगाने के बाद हथियारों से लैस संदिग्ध उग्रवादी गांवों में बेखौफ घूमते नजर आए। हालात की गंभीरता को देखते हुए मणिपुर पुलिस की एक कमांडो टुकड़ी को शनिवार सुबह इंफाल से हवाई मार्ग से जिरीबाम भेजा गया। अन्य जिलों से भौ सुरक्षाबल भेजे गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उग्रवादियों ने शुक्रवार मध्यरात्रि करीब 12:30 बजे बराक नदी के किनारे चोटोबेकरा और जिरी पुलिस चौकी में आग लगा दी। उग्रवादियों ने लमताई खुनौ, मोधुपुर इलाके में अंधेरे का फायदा उठाकर कई हमले किए और जिले के बाहरी इलाकों में 70 से ज्यादा घरों को आग लगा दी थी।

अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा चाक-चौबंद

मणिपुर के जिरीबाम जिले में हालिया हिंसा से प्रभावित लोग अब सुरक्षा के लिए असम के कछार जिले का रुख कर रहे हैं। अधिकतर लोग जिले के लखीपुर और जिरीघाट में शरण लिए हुए हैं। लखीपुर विधायक कौशिक राय ने सोमवार को यह जानकारी दी। वहीं, जिले के पुलिस अधीक्षक नुमल महत्तो के मुताबिक, शनिवार को मणिपुर के जिरीबाम क्षेत्र में हुई हिंसा के बाद से लगभग 600 लोग जिले में शरण लेने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि कछार- जिरीबाम जिले के साथ सीमा साझा करता है। इस वजह से इस अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है।

दरअसल,शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के एक दफ्तर और कम से कम 70 घरों को आग के हवाले कर दिया था। इससे बीते साल मई से जातीय हिंसा झेल रहे असम के इस पड़ोसी राज्य में हालिया तनाव पैदा हो गया है। असम के सीमावर्ती इलाकों के लोगों का दावा है कि बीते चार दिनों में जिरी नदी पार कर राज्य में प्रवेश करने वाले करीब 600 लोगों ने कछार जिले के लखीपुर और जिरीघाट के कई गांवों में शरण ली है। कुछ अपने रिश्तेदारों के यहां ठहरे हैं। उनका कहना है कि ये लोग जिरीघाट और लखीपुर के गांवों में शरण ले रहे हैं, हालांकि, उनके लिए कोई सरकारी राहत शिविर नहीं बनाया गया है।

उधर दूसरी तरफ कछार के एसपी नुमल महत्तो का कहना है कि कछार में अभी तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। सीमा पर जिरीघाट के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग और आसपास के गांवों में पुलिस गश्त कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि असम में हालात पूरी तरह से काबू में है।

जिरीबाम में लागू है धारा 144 : जिरीबाम जिला प्रशासन ने हिंसा की संभावना को देखते हुए जिले में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इस आदेश के मुताबिक, वर्तमान मौजूदा हालातों की वजह से जिरीबाम जिले के सभी डीएलओ को महत्वपूर्ण सरकारी संपत्तियों, दस्तावेजों सहित किसी भी नुकसान से बचने के लिए संबंधित सरकारी कार्यालयों व संपत्तियों पर निगरानी रखने और उनकी सुरक्षा करने का निर्देश दिया जाता है। एजेंसी







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By attkley

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