कुवैत में इमारत में लगी आग (फाइल)
– फोटो : पीटीआई

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कुवैत में इमारत में आग लगने से मारे गए सात तमिल लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। साथ ही प्रत्येक प्रभावित परिवार को 5 लाख रुपये सहायता देने का आदेश दिया। केंद्र सरकार के साथ-साथ केरल सरकार ने भी इसी तरह के राहत कोष की घोषणा की है। वहीं, प्रमुख एनआरआई व्यवसायी और संयुक्त अरब अमीरात स्थित लुलु ग्रुप के अध्यक्ष एमए यूसुफ अली ने भी अग्निकांड में मारे गए मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की घोषणा की।

बता दें कि कुवैत के मंगफ शहर में बुधवार तड़के एक छह मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई। इस दुखद घटना में लगभग 40 भारतीयों सहित 49 विदेशी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। मृतकों में तीन उत्तरप्रदेश, 24 केरल और सात तमिलनाडु के रहने वाले थे। यूपी के मृतकों की पहचान वाराणसी के माधव सिंह, गोरखपुर के जयराम गुप्ता और अंगद गुप्ता के रूप में हुई है। इस इमारत में 196 प्रवासी श्रमिक काम कर रहे थे। 

तमिल लोगों के शवों को विमान से चेन्नई लाने की व्यवस्था की

घटना पर दुख जताते हुए तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अग्निकांड में मरने वालों में सात तमिल भी शामिल हैं। उनके शवों को विमान से चेन्नई ले जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जलने से घायल लोगों का इलाज करा रहे लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।

तमिल मृतकों में ये लोग शामिल

मृतकों की पहचान थूथुकुडी के वीरासामी मरियप्पन, तिरुचिरापल्ली के ई राजू, कुड्डालोर के कृष्णमूर्ति चिन्नादुरई, रॉयपुरम, चेन्नई के शिवशंकरन गोविंदन, तंजावुर के पी रिचर्ड, रामनाथपुरम के करुप्पन्नन रामू और विल्लुपुरम के मोहम्मद शरीफ के रूप में की गई है।

गुरुवार को कुवैत पहुंचे विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह

आग लगने की दुखद घटना की सूचना मिलने के बाद विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह गुरुवार को कुवैत पहुंचे। आग में घायल हुए कुछ भारतीयों से मुलाकात की। कुवैत में भारतीय दूतावास ने कहा कि सभी घायल सुरक्षित हैं।

परिवारों को कर्मचारियों की स्थिति के बारे में नहीं चल रहा पता

शिवशंकरन गोविंदन की पत्नी ने कहा, मंगलवार की रात आखिरी बार मैंने अपने पति से बात की थी। जब मैंने अगली सुबह उन्हें फोन किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मैं डर गई और उनके दोस्त को फोन किया, जिन्होंने जवाब दिया कि वह भी मेरे पति तक नहीं पहुंच सके। उनके एक दोस्त ने सूचित किया कि जिस इमारत में गोविंदन रह रहे थे, उसमें आग लग गई है। उन्होंने कहा, हमें सरकार से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।

इसी तरह, कुवैत में राजू नाम के एक ड्राइवर की पत्नी ने तिरुचिरापल्ली में कहा कि उन्हें अपने पति की स्थिति के बारे में कोई पुष्टि नहीं मिल सकी है। पति के एक दोस्त ने कहा था कि शायद उन्हें किसी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन वह यह पुष्टि नहीं कर सके कि कौन सा अस्पताल है। उन्होंने सरकार से व्हाट्सएप के जरिए अस्पताल से राजू की एक तस्वीर भेजने और उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अपडेट करने का आग्रह किया है।







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By attkley

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