Lok Sabha Speaker: लोकसभा स्‍पीकर इस बार कौन बनेगाा, इस बात की खूब चर्चा हो रही है, पहले मोदी के दोनों कार्यकाल में लोकसभा स्पीकर को बनाने के लिए इतनी परेशानी नहीं हुई, उस समय बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत की सरकार थी, लेकिन इस बार लोकसभा स्पीकर की सीट किसे मिलेगी इस पर खूब चर्चा हो रही है, तमाम तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है, कई तरह के लोग तर्क दे रहे हैं, कई रिपोर्टों में ये सामने आया है कि बीजेपी के सहयोगी दल और किंगमेकर कही जाने वाली पार्टियां टीडीपी और जेडीयू दोनों ही इस पद की मांग बीजेपी से कर चुकी हैं. जबकि बीजेपी इस पद को किसी को भी देने की इच्छुक नहीं है. अब तमाम अटकलों पर विराम लग गया है, आइए जानते हैं किस पार्टी का बनेगा लोकसभा स्‍पीकर. 

सबसे पहले जानें 18वीं लोकसभा का कब शुरू हो रहा पहला सत्र 
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद सत्र की तारीखों की घोषणा कर दी है. उन्होंने बुधवार को ही एक्स पर पोस्ट कर बताया था कि “नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ/पुष्टि, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक बुलाया जा रहा है. राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा.”

संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजीजू ने बुधवार को बताया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. उसी दिन पीएम नरेंद्र संसद के दोनों सदनों में अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों का परिचय कराएंगे. 

अब जानें कौन बनेगा स्‍पीकर
न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष का पद भारतीय जनता पार्टी अपने पास ही रखने जा रही है. यानी 18वीं लोकसभा में भी भाजपा का ही कोई सांसद लोकसभा का अध्यक्ष चुना जाएगा.

‌किसी ने नहीं मांगा स्‍पीकर का पद
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया में आ रही खबरों को खारिज करते हुए बताया कि किसी भी सहयोगी दल की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर कोई मांग नहीं आई है. भाजपा जल्द ही पहले पार्टी के स्तर पर इस पर विचार करेगी और पार्टी द्वारा नाम पर फैसला किए जाने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों के साथ भी विचार-विमर्श कर उस नाम पर सर्वसम्मति बनाई जाएगी.

पीएम मोदी के वापस आते ही मुहर
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद लोकसभा के नए अध्यक्ष के नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा. भाजपा पहले पार्टी के स्तर पर लोकसभा के भावी अध्यक्ष का नाम तय करेगी, इसके बाद सहयोगी दलों के साथ उस नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा. अगर सहयोगी दल की तरफ से कोई सुझाव या मांग आती है, तो भाजपा फिर नए फॉर्मूले पर विचार करेगी.

बीजेपी का क्या फंसा है पेंच
दरअसल, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मध्य प्रदेश की इंदौर से भाजपा की लोकसभा सांसद सुमित्रा महाजन को और दूसरे कार्यकाल में राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन इस बार के तीसरे कार्यकाल में भाजपा के पास 2014 और 2019 की तरह लोकसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि टीडीपी लोकसभा के अध्यक्ष का पद मांग रही है. कई जगह तो जेडीयू से भी लोकसभा का अध्यक्ष चुने जाने की बात सामने आई, लेकिन न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेता ने इन खबरों को महज अटकलें बताते हुए खारिज कर दिया है. लोकसभा स्‍पीकर कौन बनेगा अब यह समय बताएगा. 

बीजेपी का क्या है प्लान
24 जून से शुरू होने जा रहे 18 वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान भाजपा अपनी पार्टी के किसी सांसद के नाम को लेकर विपक्षी दलों से भी संपर्क साधेगी, ताकि सदन में सर्वसम्मति से लोकसभा के नए अध्यक्ष का चयन हो सके. अगर सरकार के प्रस्ताव को विपक्षी दल स्वीकार कर लेते हैं, तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी, लेकिन अगर विपक्ष अपनी तरफ से भी उम्मीदवार खड़ा करता है, तो 26 जून को लोकसभा में नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान हो सकता है् दोनों ही सूरत में लोकसभा के नए अध्यक्ष 26 जून को कार्यभार संभाल लेंगे.



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By attkley

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