कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को फिर  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की  विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। उन्होंने चुनाव आयोग से ईवीएम और प्रक्रियाओं की पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने या उन्हें समाप्त करने की मांग की। विपक्ष के नेता की यह बाद उस आरोप के एक दिन बाद सामने आई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ईवीएम एक ऐसा ‘ब्लैक बॉक्स’ है और किसी को भी उसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। 

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, जब लोकतांत्रिक संस्थानों पर कब्जा कर लिया जाता है तो एकमात्र सुरक्षा चुनावी प्रक्रिया में निहित होती है, जो जनता के लिए पारदर्शी होती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम अभी ब्लैक बॉक् है। चुनाव आयोग या तो मशीनों और प्रक्रियाओं की पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए या उन्हें समाप्त कर देना चाहिए। 

पार्टी के एक अन्य नेता गौरव गोगोई ने कहा कि इवीएम को अचूक मानने से पहले चुनाव आयोग को यह आंकड़ा देना चाहिए कि पूरे चुनाव के दौरान कितनी ईवीएम खराब पाई गईं। उन्होंने कहा, कितनी मशीनों ने गलत समय, तारीख वोट दर्ज किया है? कितने ईवीएम के घटकों (कंपोनेंट्स) काउंटिंग यूनिट, बैलेट यूनिट को बदला गया? मॉक मतदान के दौरान कितनी ईवीएम खराब पाई गईं? 

गोगोई ने एक्स पर यह भी कहा, चुनाव लड़ने के बाद मैं भरोसे से कह सकता हूं कि इन मशीनों ने गलत परिणाम दिखाए हैं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग आंकड़ों को सामने रखेगा, क्योंकि जनता को जानने का अधिकार है। 

राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार को चार जून को मतगणना के दौरा ईवीएम से कनेक्टेड मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था। 

हालांकि, निर्वाचन अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने रिपोर्ट को फर्जी बताकर खारिज किया और कहा कि समाचार पत्र के प्रकाशक को मानहानि का नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईवीएम एक स्टैंड अलोन प्रणाली है। इसे रीप्रोग्राम नहीं किया जा सकता है और इसमें वायरलेस कनेक्टिविटी की क्षमता नहीं है। 







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By attkley

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