विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा।
– फोटो : अमर उजाला।

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लोकसभा चुनाव 2024 खत्म होते ही भाजपा ने अब विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए भाजपा ने चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। सोमवार को पार्टी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को महाराष्ट्र का चुनाव प्रभारी घोषित किया। इसके अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह-प्रभारी बनाया गया है। वहीं, हरियाणा की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मिली है और उनके साथ ही त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब सह-प्रभारी बनाए गए हैं। इसी साल अक्तूबर में इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जबकि पार्टी ने झारखंड के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रभारी बनाया है। उनके साथ सह-प्रभारी के तौर पर हिमंता बिस्व सरमा काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को जम्मू-कश्मीर का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।  

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बतौर चुनाव प्रभारी सफल रही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव की इस ‘लकी जोड़ी’ पर भाजपा हाईकमान ने फिर भरोसा जताया है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इन जोड़ी ने पर्दे के पीछे रहकर ओडिशा में जबरदस्त काम किया। राजस्थान में लोकसभा चुनाव का मतदान खत्म होने के बाद से यादव ओडिशा में ही डटे रहे। जबकि रेलमंत्री वैष्णव पूरे समय ओडिशा में रहकर पार्टी का जनाधार मजबूत करने में जुटे रहे हैं। दोनों नेताओं ने देश के अन्य राज्यों में चुनिंदा सभाएं की ओर अपना अधिकांश समय ओडिशा में ही गुजारा। दोनों ने चुनावी प्रबंधन को धार देने से लेकर स्थानीय नेतृत्व को एक्टिव करने का काम किया। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं की ड्यूटी भी ऐसे क्षेत्रों में लगाई। जहां हिंदी भाषी वोटर्स बड़ी तादाद में रहते हैं।

भाजपा नेतृत्व ने जिन दोनों नेताओं को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी है, उनकी गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के विश्वस्तों में होती है। ऐसे में महाराष्ट्र में होने वाले राजनीतिक फैसलों और गतिविधियों पर पीएम मोदी और शाह की सीधी नजर रहेगी। यादव जहां महाराष्ट्र की परिस्थितियों को लेकर जमीनी जानकारी जुटाएंगे, तो वैष्णव आईटी सेक्टर के अनुभव के आधार पर चुनावी रणनीति बनाएंगे। भूपेंद्र यादव को संगठन को चलाने में कुशल माना जाता है। यादव राजस्थान (2013), गुजरात (2017) के विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने के रणनीतिकार रहे हैं। झारखंड (2014) और उत्तर प्रदेश (2017) के साथ ही 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भी यादव भाजपा के प्रभारी रहे हैं। यादव इसके पहले 2014 में भी महाराष्ट्र के प्रभारी रह चुके हैं। महाराष्ट्र के प्रभारी रहते हुए उन्होंने पार्टी की स्थिति की जमीनी स्तर पर बखूबी आंकलन किया था। उस दौरान भाजपा-शिवसेना का गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर उनका अहम रोल था। यादव की एक खासियत यह भी है कि वे भाजपा के सहयोगियों दलों के साथ बहुत ही सहज और प्रभारी तरीके से तालमेल बैठा लेते हैं। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि अतीत का करिश्मा महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी दोहरा सकते हैं।  

दरअसल, लोकसभा चुनाव के परिणामों में एनडीए गठबंधन को महाराष्ट्र से भी झटका लगा है। राज्य की 48 में से भाजपा को 9 सीटें मिली हैं। वहीं उसके सहयोगी एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सात और अजित पवार की एनसीपी को एक सीट मिली है। तीनों दलों के गठबंधन का नाम महायुति है। जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया को महाराष्ट्र से 30 सीटें मिली हैं। कांग्रेस ने सबसे अधिक 13 सीटें जीती हैं। शिवसेना (यूबीटी) को 9 और एनसीपी (एसपी) को 8 सीटें मिली हैं। जबकि एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की और उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है।

शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद हुए पहले चुनाव में महायुति को झटका लगा। ऐसे में राज्य के सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछले कुछ दिनों में अजित पवार की नाराजगी की अटकलें भी लगाई गईं। इसी बीच भाजपा ने राज्य में अपने चुनाव प्रभारी नियुक्त कर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। यहां भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी में सीटों बंटवारा करना और उम्मीदवारों का चयन करना बड़ी चुनौती है। ऐसे में प्रभारी और सह प्रभारी की भूमिका अहम हो जाती है।

महाराष्ट्र में भाजपा ने शुरू की तैयारी

महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में बुरे प्रदर्शन से सबक लेते हुए भाजपा ने आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है। हाल ही में महाराष्ट्र के भाजपा कार्यालय में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई। इस बैठक में पार्टी ने महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर ऑब्ज़र्वर नियुक्त किए गए। सभी ऑब्ज़र्वर हारी और जीती हुईं लोकसभा सीटों की समीक्षा कर एक महीने के भीतर आलाकमान को रिपोर्ट भेजेंगे। बैठक में यह तय किया कि पार्टी के खिलाफ बने तमाम नैरेटिव को भाजपा तोड़ने के लिए लड़ेगी। भाजपा नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर उस झूठे नैरेटिव की सच्चाई बताएंगे। मातृ संस्था (आरएसएस) से स्थानीय स्तर पर संवाद करने और मतभेदों को दूर करने की कोशिश करने पर भी जोर दिया गया। राज्य में मराठा बाहुल्य क्षेत्र में विधायक, सांसद या जनप्रतिनिधि स्थानीय लोगों से बात कर उनसे चर्चा करेंगे।

झारखंड-महाराष्ट्र-हरियाणा में अक्तूबर-नवंबर में चुनाव

झारखंड-महाराष्ट्र और हरियाणा में अक्तूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है। अगर इन तीन राज्यों की मौजूदा स्थिति के बारे में बात करें, तो हरियाणा में भाजपा की सरकार है। नायब सिंह सैनी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद इस बार कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। हरियाणा में इस बार उसने सरकार बनाने का दावा किया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को पांच सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत हासिल की। 2019 में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। राज्य के मौजूदा सीएम चंपई सोरेन हैं। जमीन घोटाले मामले में जेल जाने के बाद इन्हें सीएम बनाया गया था। उधर, महाराष्ट्र में महायुति की सरकार है। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। महायुति में भाजपा, शिंदे की शिवसेना, अजित पवार गुट की एनसीपी शामिल हैं।







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By attkley

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