Mainland Serow Rare Wild Animal: असम के कोकराझार जिले में नए घोषित किए गए रायमोना नेशनल पार्क (Raimona National Park) एक दुर्लभ प्रजाति का स्तनपायी जीव मेनलैंड सीरो (Mainland Serow) मिला है. इस जीव को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने विशेष प्रजाति में नोटिफाई कर रखा है. असम के वन विभाग और बायोडायवर्सिटी के संरक्षण के लिए बने संगठन अरण्यक ने यह उपलब्धि हासिल की है. असल में विभाग की ओर से शिकारियों को रोकने के लिए बने गंडा बजरूम कैंप के पास कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें से एक कैमरे में यह फोटो कैप्चर हुई है. 

जर्नल में प्रकाशित हुई रिसर्च 

अरण्यक संस्था ने अपने बयान में कहा कि इस दुर्लभ प्रजाति के जीव की खोज जर्नल ऑफ थ्रेटेंड टैक्सा में एक रिसर्च पेपर में प्रकाशित हुई है. इसे अरण्यक के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और वन विभाग के अधिकारियों ने मिलकर लिखा है. जिला वन अधिकारी भानु सिन्हा ने कहा कि रायमोना नेशनल पार्क में मेनलैंड सीरो की खोज जैव विविधता संरक्षण पहलुओं के लिए अच्छी खबर है और सभी लोग इस खोज से रोमांचित हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राष्ट्रीय पार्क में इस प्रजाति और अन्य वन्यजीवों को बड़े पैमाने पर संरक्षित करना है.

असम में पहली बार दिखा दुर्लभ जीव

सूत्रों के मुताबिक मेनलैंड सीरो (Mainland Serow) नाम का जीव भूटान के रॉयल मानस नेशनल पार्क और फिबसू (Phibsoo) वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में नजर आता है. हालांकि असम में यह जीव अब तक नहीं दिखा था. ऐसे में रायमोना राष्ट्रीय उद्यान में इस जीव का दिखना अच्छी खबर माना जा रहा है. रायमोना राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की बहुतायत है. इस प्रजाति की खोज से इस नेशनल पार्क में पर्यटकों की आमद बढ़ने की संभावना है. 

इन देशों में कभी- कभी दिखता है मेनलैंड सीरो

आरण्यक के एक वरिष्ठ वन्यजीव संरक्षक दीपांकर लहकर ने बताया कि मेनलैंड सीरो भारतीय उपमहाद्वीप में हिमालय से लेकर दक्षिणी चीन, दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों और सुमात्रा तक फैले विभिन्न इलाकों में नजर आता है. वहां पर इस प्रजाति के जीवों की आबादी बिखरी हुई है और अवैध शिकार, आवास के कारण तेजी से घटती रही है.  इस प्रजाति के जीवों की संख्या और उनकी उपलब्धता पर विश्वसनीय डेटा उपलब्ध नहीं है, इसलिए उनके संरक्षण के लिए इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है. 

जंगली मांस के लिए अवैध शिकार

सूत्रों के मुताबिक रायमोना राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के मुताबिक जंगली मांस के लिए समय-समय पर अवैध शिकार और जातीय-राजनीतिक हिंसा बड़ी चिंताएं हैं, जो वन्यजीवों की जिंदगी के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रही हैं. चूंकि सरकार अब पार्क की सुरक्षा कर रही है. ऐसे में भविष्य के इन दुर्लभ प्रजाति के जीवों की आबादी को सुरक्षित करने और उनके नष्ट हुए आवासों को बहाल करने पर विचार किया जाना चाहिए. 

वर्ष 2020 के बाद असम में आई शांति

बताते चलें कि असम सरकार ने 8 जून, 2021 को रायमोना को राष्ट्रीय उद्यान (Raimona National Park) घोषित किया था. करीब तीन दशकों की जातीय-राजनीतिक हिंसा के बाद, वर्ष 2020 में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTR) की स्थापना की गई थी, जिसके बाद से वन्य जीवों के संरक्षण को बढ़ावा मिला है. 



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By attkley

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