सुनील आंबेकर, RSS पदाधिकारी
– फोटो : ani

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आरएसएस के पदाधिकारी ने  कांग्रेस का नाम लिए बगैर आपातकाल को लेकर जमकर हमला बोला है। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील अंबेकर ने कहा कि हमको समझना होगा कि किन लोगों और किन कारणों से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी कि आपातकाल लगाया गया था। जिसके कारण लोकतंत्र और लोगों के अधिकार खतरे में पड़ गए थे। 

आंबेकर ने आगे कहा कि भारत के स्वतंत्र गणराज्य बनने के 25 साल बाद ही आपातकाल लगा दिया गया। लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने वाला यह आपातकाल का खतरा विदेश से नहीं बल्कि हमारी अपनी राजनीतिक व्यवस्था से आया था।  

‘आपातकाल के दौरान लोगों का कई तरह से उत्पीड़न हुआ’

आंबेकर ने बताया कि आपातकाल के दौरान मैं बहुत छोटा था। मैं कई वर्षों तक विद्यार्थी परिषद से जुड़ा रहा। देश के छात्रों और संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों और समाज के लोगों, सभी ने एक साथ आकर आपातकाल का विरोध किया। आपातकाल की अवधि के दौरान लोगों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और संविधान ने लोगों को स्वतंत्रता और समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान किया है। इस संविधान को अपनाए हुए हमको 75 साल हो गए हैं। इसलिए इस मौके पर जरूरी है कि हम उस संविधान को भी याद रखें।

  समाज को यह पता होना चाहिए कि हमें यह समझने की जरूरत है कि हमको सतर्क रहना है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक जागरूक समाज ही अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा कर सकता है। इसलिए इस पर हमको लगातार ध्यान देने की जरूरत है। 







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By attkley

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