Krishnanagar Rajmata Amrita Roy Story: कृष्णानगर की ‘राजमाता’ अमृता रॉय को एक शिकायत है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) उन्हें ‘गद्दार’ बता रही है. राजमाता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, “चूंकि हम महाराजा कृष्णचंद्र रॉय के वंशज हैं और हमारे खानदान ने अंग्रेजों का समर्थन किया था, इसलिए विपक्ष हमें ‘गद्दार’ समझता है.” कृष्णचंद्र रॉय ने प्लासी के युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला के खिलाफ अंग्रेजों का साथ दिया था. ‘राजमाता’ अमृता रॉय ने कहा कि राजपरिवार ने लोगों को जमीन बांटी और उनकी मदद की, लेकिन उसका कहीं कोई जिक्र नहीं. उन्होंने पीएम से कहा, ‘महाराजा कृष्णचंद्र रॉय अंग्रेजों की मदद नहीं करते तो हमारा सनातन धर्म तो पूरा खत्म हो जाता… है कि नहीं? नवाब सिराजुद्दौला बहुत अत्याचार, भ्रष्टाचारी थे… उन्होंने (कृष्णचंद्र रॉय) अकेले तो नहीं किया… बहुत सारे राजाओं का मिलन हुआ, उसके बाद सभी ने किया.. जगत सेठ भी थे… और भी राजा थे. सभी की मेहनत से यह काम सफल हुआ. अगर नहीं होता तो हम आज हिंदू नहीं रह पाते, हमारी भाषा दूसरी होती… दूसरों के अधीन रहते.’
पीएम मोदी ने राजमाता की शिकायत पर कहा कि ‘बचपन में हमें जो पढ़ाया जाता था, उसमें कृष्णचंद्र रॉय के समाज सुधार का काम, बंगाल के सुधार का काम… ये सब सुनने को मिलता था. ये वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग हैं तो बहुत ही अनाप-शनाप आरोप लगाएंगे… दो सौ-तीन सौ साल पहले की घटना निकालेंगे और बदनाम करने का प्रयास करेंगे.’
राजमाता अमृता रॉय से पीएम मोदी ने की फोन पर बात
तृणमूल कांग्रेस की किस बात से आहत हुईं ‘राजमाता’?
TMC ने एक बयान में कहा, ‘इतिहास खुद को दोहराता है. 1757 में महाराजा कृष्णचंद्र ने मीर जाफर, जगत सेठ और उमी चंद के साथ साजिश रची और खुद को एक रीढ़विहीन गद्दार की तरह अंग्रेजों के हाथों बेच दिया. 2024 में उनके परिवार की सदस्य, ‘राजमाता’ अमृता रॉय ने बंगाल के लोगों को एक बार फिर धोखा देने के लिए बेशर्मी से ‘बांग्ला-बिरोधी’ भाजपा को गले लगा लिया है. चेहरे भले ही बदल गए हों लेकिन उनकी ‘जोमिदारी’ अब भी कायम है. आगामी चुनावों में इन विश्वासघाती ‘बांग्ला-बिरोधियों’ को खारिज कर दें. वे तब भरोसे के लायक नहीं थे, और निश्चित रूप से अब भी नहीं होंगे.’
In a phone call with ‘Rajmata’ Amrita Roy (BJP candidate from Krishanagar, West Bengal), PM Modi said that he is exploring legal options to ensure that the money looted from the poor in West Bengal goes back to them through whatever assets and money ED has attached from the… pic.twitter.com/F0oBQMlKWJ
— ANI (@ANI) March 27, 2024
‘राजमाता’ अमृता रॉय कौन हैं?
अमृता रॉय कृष्णानगर के राजपरिवार से आती हैं. वह ‘राजबाड़ी की राजमाता’ हैं. बीजेपी ने उन्हें TMC की फायरब्रांड नेता महुआ मोइत्रा के सामने कृष्णानगर लोकसभा सीट से उतारा है. रॉय इसी साल 20 मार्च को बीजेपी में शामिल हुई हैं. 1757 में, रॉय के पूर्वज महाराजा कृष्णचंद्र रॉय ने 1757 में रॉबर्ट क्लाइव का साथ दिया था. प्लासी के युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला की हार ने भारत में ब्रिटिश हुकूमत की नींव डाली.