ओडवाडा गांव अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक।
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जालौर के ओडवाडा गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया में उबाल मचा हुआ है। कल से अब तक तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। शुक्रवार को घटना के 24 घंटे बाद सरकार की ओर से बयान आया कि इस कार्रवाई में कोई भी परिवार बेघर नहीं हुआ है। वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट ने अब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
गुरुवार को सरकार के आदेश के बाद ओडवाडा गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद पुलिस प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मामले में सियासी रंग भी देखने को मिला। इस घटना पर कांग्रेस सरकार जमकर घेराव किया। पूर्व सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने इस मामले में सरकार की आलोचना की।
शुक्रवार को फिर हुई सनवाई
जालौर के ओडवाडा गांव में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान पहले दिन 70 अतिक्रमण हटाए गए थे। इसके बाद बवाल शुरू हो गया। सियासी उठापटक, विरोध, तनाव को देखते हुए शुक्रवार को फिर जोधपुर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट से कहा कि पीड़ित लोग करीब 80 साल से इन मकानों में रह रहे हैं। इनके पास बिजली-पानी के कनेक्शन हैं। इनके पास पट्टा भी है। इस हिसाब से इनको अतिक्रमणकारी नहीं का जा सकता। 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विनीत माथुर की बेंच ने अतिक्रमण की इस कार्रवाई पर रोक लगा दी।