NSUI Youth Congress protested on NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक के मामले में सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है और कई परीक्षा माफिया अरेस्ट भी कर लिए गए हैं लेकिन विपक्षी दल इस मुद्दे को आसानी से छोड़ने के तैयार नहीं हैं. कांग्रेस इस मुद्दे पर लीड लेने में सबसे आगे दिख रही है. उसके दो युवा संगठनों ने गुरुवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के दफ्तर में घुसकर नारेबाजी की. वहीं इंडी गठबंधन के सदस्य गुरुवार को इस मुद्दे को संसद में भी उठाने वाले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि यह मुद्दा अभी कई दिनों तक सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनने वाला है.
NTA के दफ्तर पर NSUI का प्रदर्शन
कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सदस्यों ने गुरुवार को दिल्ली के ओखला में बने NTA के दफ्तर में घुसकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने ‘एनटीए को बंद करो’ के नारे भी लगाए. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी वहां पहुंची. काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद संगठन के कार्यकर्ता वहां से चले गए. इस बारे में एनटीए के अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
युवा कांग्रेस ने मांगा धर्मेंद्र प्रधान का इस्तीफा
वहीं भारतीय युवा कांग्रेस ने भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ में कथित धांधली के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया. इसके साथ ही छात्रों के लिए न्याय और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की. संगठन के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा, ‘नीट परीक्षा में धांधली और घोटाला सिर्फ 24 लाख छात्रों के साथ ही धोखा नहीं है, बल्कि देश की मेडिकल व्यवस्था और देश के भविष्य के साथ धोखा है. आज देश में ऐसी कोई परीक्षा नहीं है, जिसमें धांधली न हो. उन्होंने मांग की कि नीट परीक्षा निरस्त करके फिर से कराई जाए, साथ ही धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दें.
सुप्रीम कोर्ट में हुई नीट मामले में सुनवाई
उधर सुप्रीम कोर्ट में भी गुरुवार को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने NTA से जानना चाहा कि NEET-UG 2024 में शामिल हुए अभ्यर्थियों को दी गई ओएमआर शीट से संबंधित शिकायतों को उठाने के लिए कोई समयसीमा है या नहीं. जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने एक निजी कोचिंग सेंटर और कुछ नीट अभ्यर्थियों की ओर से दायर नई याचिकाओं पर एनटीए को नोटिस जारी किया. इसके साथ ही इन याचिकाओं पर सुनवाई लंबित मामलों के साथ 8 जुलाई के लिए निर्धारित कर दी.
कोचिंग संस्थान और अभ्यर्थियों की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट आर. बसंत ने दलील दी कि परीक्षा में शामिल हुए कुछ अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट नहीं मिली हैं. पीठ ने सुनवाई शुरू होते ही बसंत से पूछा कि एक निजी कोचिंग संस्थान अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय में कैसे याचिका दाखिल कर सकता है और किस तरह से संस्थान के मौलिक अधिकार प्रभावित होते हैं.
अदालत अब 8 जुलाई को करेगी सुनवाई
एनटीए की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड कर अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं. पीठ ने उनसे पूछा कि क्या ओएमआर शीट से संबंधित शिकायत करने के लिए कोई समयसीमा है? एनटीए के वकील ने कहा कि उन्हें निर्देश लेने की जरूरत है. उन्होंने लंबित मामलों के साथ याचिका को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ”हम तब तक उठाए गए सवालों का संक्षिप्त उत्तर दाखिल करेंगे.”
बसंत ने बताया कि शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई निर्धारित प्रक्रिया या समयसीमा नहीं है और इसलिए अंतरिम राहत के रूप में अभ्यर्थी ओएमआर शीट देने की मांग कर रहे हैं. पीठ ने नोटिस जारी कर याचिकाओं को लंबित मामलों के साथ सूचीबद्ध कर दिया और एनटीए के वकील को एक तय समयसीमा के भीतर अदालत के सवालों का लिखित जवाब दाखिल करने को कहा.
(एजेंसी भाषा)