Common Civil Code in UP: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के पक्ष में है. सभी को इसकी मांग करनी चाहिए और इसका स्वागत करना चाहिए. मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में सोच रही है. हम इसके पक्ष में हैं और यह यूपी और देश के लोगों के लिए आवश्यक है. यह भी भाजपा के मुख्य वादों में से एक है.
मौर्य ने दोहराई अमित शाह की बात
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी ने जो कॉमन सिविल कोड को लेकर कहा है. एक देश में एक कानून सबके लिए हो. वाकई अब इसकी आवश्यकता है. किसी के लिए कुछ और किसी के लिए कुछ कानून हो, इससे बाहर निकल कर उत्तर प्रदेश सरकार कॉमन सिविल कोड को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है.
Everyone should demand and welcome Uniform Civil Code. Uttar Pradesh govt is also thinking in this direction. We’re in favour of it and it is necessary for UP and the people of the country. This is also one of the main promises of BJP: UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya in Lucknow pic.twitter.com/ry7SR2QzWR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 23, 2022
कॉमन सिविल कोड को लेकर गंभीरता से विचार
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड सरकार ने कॉमन सिविल कोड लागू किया है. उसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार भी और देश के अन्य राज्यों में भी, जहां भाजपा की सरकार है, वहां कॉमन सिविल कोड को लेकर गंभीरता से विचार चल रहा है.
कॉमन सिविल कोड भी लागू किया जाएगा
कॉमन सिविल कोड को लेकर मौर्य ने कहा कि गैर भाजपाई लोगों को भी इसके लिए मांग करनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी के धारा 370, राम मंदिर निर्माण और कॉमन सिविल कोड प्रमुख मुद्दे रहे हैं. विपक्ष साथ देगा तो अच्छा है, अगर विपक्ष साथ नहीं देगा तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस पर विचार नहीं करेंगे. धारा 370 में भी विपक्ष ने साथ नहीं दिया उसके बाद भी हटाई गई और यह कॉमन सिविल कोड भी लागू किया जाएगा.
उत्तराखंड में तैयार हो रहा मसौदा
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि ‘आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र’ माने जाने वाले राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी और इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. ने कहा था कि उत्तराखंड गंगा का राज्य है. यह एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है. हमारा लक्ष्य यहां समान नागरिक संहिता को लागू करना है. हमने नीति और कानून विशेषज्ञों सहित एक समिति बनाने का निर्णय लिया है जो इस संबंध में एक मसौदा तैयार करेगी.
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