पिछले पांच साल में पहली बार नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा दिवाली से पहले अच्छी रही है। अभी तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रेड जोन में नहीं पहुंचा है, जबकि पिछले पांच वर्षों में दिवाली से एक सप्ताह पूर्व ही एक्यूआई रेड जोन में पहुंच जाता था। इस साल अभी तक एक्यूआई ऑरेंज जोन में बना हुआ है। हालांकि, दिवाली तक एक्यूआई रेड जोन में पहुंच सकता है।
सर्दी शुरू होने के साथ ही दिल्ली एनसीआर की हवा प्रदूषित होना शुरू हो जाती है, लेकिन पटाखों के कारण दिवाली पर वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। इस कारण एनसीआर में पटाखे जलाने पर रोक है। इसके बाद भी दिवाली पर नोएडा और ग्रेनो की हवा काफी प्रदूषित हो जाती है। हर बार एक्यूआई रेड जोन के बाद डार्क रेड जोन में पहुंच जाता है। दिवाली से एक सप्ताह पहले ही एक्यूआई बढ़ना शुरू हो जाता है। हर वर्ष दिवाली के आसपास वायु प्रदूषण रेड जोन में रहता है, लेकिन पिछले पांच साल में पहली बार हवा काफी अच्छी रही है। दोनों शहरों का एक्यूआई ऑरेंज जोन में 250 के आसपास बना हुआ है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने के बाद से एक बार भी एक्यूआई रेड जोन में नहीं पहुंचा है, जबकि वर्ष 2018, 2019, 2020 और 2021 में दिवाली से पहले एक्यूआई ज्यादातर समय रेड जोन में रहा था। जबकि वर्ष 2020 व 21 में दिवाली के दिन एक्यूआई 400 भी पार कर गया था। केवल वर्ष 2018 में एक्यूआई 300 से नीचे रहा था।
रेड जोन के पास पहुंचा नोएडा का एक्यूआई
धनतेरस के दिन नोएडा का एक्यूआई रेड जोन के करीब पहुंच गया है। शनिवार को नोएडा का एक्यूआई 290 रहा। नोएडा एनसीआर का दूसरा और देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। एनसीआर में पहले नंबर पर गाजियाबाद (312 एक्यूआई) रहा, जबकि देश में सबसे प्रदूषित शहर धारुहेड़ा (325 एक्यूआई) रहा। ग्रेनो का एक्यूआई 261 रहा है। दिवाली तक एक्यूआई रेड जोन में पहुंच जाएगा।
दिन | ग्रेनो | नोएडा |
दिवाली | 322 | 404 |
दिवाली से एक दिन पहले | 289 | 327 |
धनतेरस | 334 | 303 |
धनतेरस से एक दिन पहले | 289 | 327 |