हरम की 5000 औरतों के दबे किस्से
बादशाह के साथ बिस्तर पर कौन होगा ये तय करना भी आखिरी वक्त तक राज रहता था. अबुल फजल ने लिखा है कि अकबर के हरम में 5000 से ज़्यादा औरतें थीं. इनमें से कुछ सौ के साथ ही शारीरिक अकबर के संबंध थे. बाकी की औरतें हरम की देखभाल से जुड़े इंतजामों में लगाई जाती थीं.
अकबर का फरमान
एक बार अकबर मथुरा के नजदीक के जंगलों में शिकार का लुफ्त उठा रहा था. तभी उसे खबर मिली कि दिल्ली में कुछ बवाल हुआ है. वो फौरन फौज लेकर दिल्ली निकला. रास्ते में उसने आगरा में कुछ वक्त बिताया. जानकारों के मुताबिक यहीं उसे पहली बार ख्याल आया कि शादी के जरिए दिल्ली और आगरा के रईसों को अपने साथ मिला लिया जाए. फिर अकबर ने कव्वालों और हिजड़ों को बुलाया. कव्वाल लड़की के पिता के पास शादी का पैगाम लेकर जाते. तो हिजड़ों को शहर के रईसों के हरम में उनकी बेटियों को चुनने के लिए भेजा गया. जिन्हें ये तय करना होता था कि आगरा के सरदारों की बेटियों में कोई शाही हरम के लायक है या नहीं.
आगरा से दिल्ली तक हड़कंप
यह फरमान आम हुआ और आगरा से दिल्ली शहर तक दहशत का माहौल पैदा हो गया. शहर के रईसों, अमीर उमराओं पर यह खबर कहर की तरह टूटी. लेकिन बादशाह के इरादे को कोई कैसे चुनौती दे सकता था! बादशाह की मर्ज़ी के आगे किसी की क्या चलती?
बादशाहों का कानून
बादशाहों का यह कानून था कि अगर वह किसी पर चाहत भरी नजर डालता है, तो उसका पति उसे तलाक देने के लिए मजबूर होता था. इस आदेश के बाद एक दिन अकबर की नजर आगरा के सरदार शेख बादाह के बेटे अब्द उल वासी की खूबसूरत बीवी पर पड़ी. वो निकाह के लिए मचल उठा. अकबर ने शेख के पास इस निकाह के लिए संदेशा भेजा तो शेख और उसके बेटे पर बिजली टूट पड़ी. शेख का बेटा अपनी बीवी से बेइंतहा मोहब्बत करता था. लेकिन उसकी हिम्मत नहीं थी कि वो इसका विरोध करता. अब्द उल वासी ने बीबी को तलाक दिया और शहर छोड़कर दूर निकल गया और उसकी बेगम शाही हरम की भीड़ में गुम हो गई.
हरम के गुप्त रास्ते
मुगल हरम की सबसे ख़ास बात थी इसका आर्किटेक्चर. महल के नीचे अंडरग्राउंड कमरों, गलियारों और सीढ़ियों का पूरा जाल बिछा था. बादशाह भी इन रास्तों का इस्तेमाल करते और कई बार अचानक से किसी रानी के रूम में जा धमकते.
हरम में सजा ए मौत का सीक्रेट
हरम की सिक्योरिटी किन्नरों के हाथ थी. हरम के नियमों से अलग कुछ और करने का मतलब था मौत. मौत की सजा सरेआम नहीं दी जाती थी. हरम की हर बात राज रहती थी. अगर हरम की किसी महिला के कदम बहके या उसने वर्जित क्षेत्र में जाने की जुर्रत की, तो उसे फांसी पर लटका देते थे. इसके लिए अंडरग्राउंड फांसीघर था वहीं नजदीक में लाश ठिकाने लगाने के लिए गहरा कुआं था.
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