Hardeep Singh Nijjar: भारत और कनाडा के रिश्ते इन दिनों सबसे बुरे दौर में चल रहे हैं. इसके कई प्रमुख कारण हैं लेकिन खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में हत्या के बाद रिश्तों में काफी ज्यादा टकराव देखने को मिल रहा है. यह सब तब हुआ जब एक गुरुद्वारे के निकट कुछ अज्ञात हमलावरों ने निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसी बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बेबुनियाद आरोप लगाया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार की साजिश हो सकती है. इतना ही नहीं इसके बाद दोनों देशों की तरफ से एक दूसरे के राजनयिक को देश छोड़ने का भी ऐलान कर दिया गया है. आइए जानते हैं कि हरदीप सिंह निज्जर कौन था.
दरअसल, भारत में बैन खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के भारत पर लगाए आरोप के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. हरदीप सिंह निज्जर ‘खालिस्तानी टाइगर फोर्स’ के और सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) की कनाडा शाखा का मुखिया था. निज्जर की इसी साल जून महीने में कनाडा के सरे शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सरे के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में दो युवकों ने निज्जर को गोली मारी थी. इसके बाद से ही इस मामले पर को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्खियां देखने को मिल रही हैं.
असल में हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के भरसिंह पुरा गांव का रहने वाला था और वह 1996 में कनाडा चला गया था, जहां उसने प्लंबर का काम शुरू किया था. धीरे-धीरे वह खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल हो गया और भात के खिलाफ आग उगलने लगा. देखते ही देखते चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस में गुरपतवंत सिंह पन्नुन के बाद वह दूसरे नंबर की हैसियत पर पहुंच गया. उसे ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में गुरुनानक गुरुद्वारा का निर्विरोध प्रमुख चुन लिया गया था और एक बड़ा सिख नेता बन गया.
उसे पाकिस्तान से भी फंडिंग मिलने लगी और वह भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने लगा. इतना ही नहीं उसने कनाडा में कई हिंदू मंदिरों पर भी हमले की साजिश रची थी. वह पाकिस्तान भी आता जाता रहा है और आईएसआई से सांठगांठ भी है. निज्जर खालिस्तानी उग्रवादियों के लिए ट्रेनिंग कैंप भी लगाता रहा है और हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग भी दिलवाता रहा है.
कनाडा के ब्रैंपटन में खालिस्तान के पक्ष और भारत के खिलाफ में रेफरेंडम करवाने में भी निज्जर की भूमिका थी. निज्जर के खिलाफ 23 जनवरी, 2015 को लुकआउट नोटिस और 14 मार्च, 2016 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था. 2021 में बठिंडा के भगता भाई लाल के कार्यालय में हुई डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या में भी निज्जर का नाम सामने आया. निज्जर पर भारत ने 10 लाख रूपये का इनाम रखा था.