वायुसेना प्रशासनिक कॉलेज में कथित यौन उत्पीड़न की शिकार 28 वर्षीय महिला वायुसेना अधिकारी ने वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट, अमितेश हरमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। अमितेश हरमुख को पुलिस ने रविवार को कॉलेज परिसर में 10 सितंबर को एक महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इसके बाद वायुसेना ने अदालत में एक याचिका दायर की थी कि स्थानीय पुलिस को अधिकारी को गिरफ्तार करने का कोई अधिकार नहीं है और केवल रक्षा अदालत ही वह अधिकार क्षेत्र है जहां कोर्ट मार्शल किया जा सकता है, इसलिए आरोपी को वायुसेना को सौंपा जाए।
महिला अधिकारी ने वायुसेना अधिकारियों पर लगाए आरोप
कॉलेज कमांडेंट सहित भारतीय वायुसेना के अधिकारियों द्वारा 10 सितंबर को हुई घटना पर 20 सितंबर तक कार्रवाई करने में विफल रहने के बाद महिला अधिकारी ने महिला पुलिस थाने में शिकायत दी थी, जिसके आधार पर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपों का उल्लेख किया गया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि दुष्कर्म का पता लगाने के लिए वायुसेना अस्पताल में उसका ‘टू-फिंगर टेस्ट’ किया गया, जिसे कुछ साल पहले उच्चतम न्यायालय ने प्रतिबंधित कर दिया था।
पीड़ित महिला और आरोपी छत्तीसगढ़ के निवासी
पुलिस ने 25 सितंबर को आरोपी अमितेश हरमुख को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। दुष्कर्म पीड़िता और आरोपी दोनों ही छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। वे एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में साथ थे और नौ सितंबर की रात ऑफिसर्स मेस में एक पार्टी में शामिल हुए थे।
सोते वक्त घटना को दिया अंजाम
महिला अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा कि यह घटना अगले दिन तड़के उस समय हुई जब वह अपने पैर की चोट की दवा खाकर सो रही थी। महिला अधिकारी का कहना है कि यौन उत्पीड़न के बाद नशे में धुत अधिकारी ने उसके साथ मारपीट की और अपने दो सहकर्मियों को भी घटना के बारे में बताया। महिला ने तीनों की बातचीत रिकॉर्ड कर ली।
पीड़िता ने घटना को लेकर एक विंग कमांडर से संपर्क किया और एक महिला विंग कमांडर के साथ कमरे में आई, जिसने उसे परिवार के नाम और सम्मान सहित भविष्य के बारे में सोचने की सलाह दी। इसके बाद महिला अधिकारी ने अपनी एक दोस्त को बताया कि वह कोई शिकायत दर्ज कराने नहीं जा रही।
हालांकि, जब दोनों विंग कमांडरों ने फिर से उससे संपर्क किया और कहा कि या तो वह शिकायत दर्ज कराए या लिखित रूप में दे कि मामला आपसी सहमति का था, तब महिला ने हिम्मत जुटाई और अस्पताल में शाम को ‘टू-फिंगर टेस्ट’ के बीच शिकायत दर्ज करने का फैसला किया। प्राथमिकी के मुताबिक, पीड़िता ने आगे कहा कि उसने दो महिला डॉक्टरों को वह गद्दा सौंप दिया था जिसमें वीर्य के निशान थे।
पुलिस ने कहा कि दो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट निगेटिव आने की ‘गलत’ सूचना देने के बाद, कमांडेंट ने उसे लिखित रूप में मामला वापस लेने के लिए बोला और कहा कि अगर मामले को आगे बढ़ाया जाता है तो इसे मीडिया में दिखाया जाएगा और वायुसेना और उसकी बदनामी होगी। हालांकि महिला अधिकारी 20 सितंबर को शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय गई और वहां से महिला थाने में मामला दर्ज करवाया।