संवाद न्यूज एजेंसी, ऊखीमठ
Published by: Vikas Kumar
Updated Tue, 01 Mar 2022 12:39 AM IST

सार

मंदिर के पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पंचकेदार गद्दीस्थल के गर्भगृह में चार पहर की पूजा होगी, जिसमें श्रद्धालु मौजूद रहेंगे।

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महाशिवरात्रि के पावन पर्व के लिए पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया है। आज मंगलवार को पंचांग गणना के अनुसार भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि भी तय की जाएगी। साथ ही मंदिर के गर्भगृह में चार पहर की विशेष पूजा-अर्चना भी होगी। 

श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल एवं सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पवाण ने बताया कि पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को गेंदा सहित विभिन्न प्रकार के नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया है। साथ ही चारों तरफ आम, पीपल के पत्तों की सैकड़ों माला भी लगाई गई है।

मंदिर के पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पंचकेदार गद्दीस्थल के गर्भगृह में चार पहर की पूजा होगी, जिसमें श्रद्धालु मौजूद रहेंगे। दूसरी तरफ सुबह 9.30 बजे केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में पंचपुरोहितों की ओर से पंचांग गणना से श्रीकेदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि और समय भी तय किया जाएगा। 

मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, रुद्रनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग, अगस्त्य मंदिर अगस्त्यमुनि आदि शिवालयों में भी महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी हो गई हैं।

विस्तार

महाशिवरात्रि के पावन पर्व के लिए पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया है। आज मंगलवार को पंचांग गणना के अनुसार भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि भी तय की जाएगी। साथ ही मंदिर के गर्भगृह में चार पहर की विशेष पूजा-अर्चना भी होगी। 

श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल एवं सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पवाण ने बताया कि पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को गेंदा सहित विभिन्न प्रकार के नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया है। साथ ही चारों तरफ आम, पीपल के पत्तों की सैकड़ों माला भी लगाई गई है।

मंदिर के पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पंचकेदार गद्दीस्थल के गर्भगृह में चार पहर की पूजा होगी, जिसमें श्रद्धालु मौजूद रहेंगे। दूसरी तरफ सुबह 9.30 बजे केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में पंचपुरोहितों की ओर से पंचांग गणना से श्रीकेदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि और समय भी तय किया जाएगा। 

मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, रुद्रनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग, अगस्त्य मंदिर अगस्त्यमुनि आदि शिवालयों में भी महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी हो गई हैं।



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