'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- संचार, जिसका अर्थ है- सूचनाओं का आदान- प्रदान, गमन, चलना। प्रस्तुत है महावीर प्रसाद मधुप की कविता-  उठो देश के पहरेदारों !
                                                                     
                            

उठो देश के पहरेदारों! तनिक विचार करो!
लोकतंत्र की काया में बल का संचार करो।

पाँव थके पथ में मंज़िल की मिटी न दूरी है,
जब तक जुड़ पाता सुख-सुमता का अध्याय नहीं,
तब तक समझो स्वतंत्रता की कथा अधूरी है,
रामराज्य का सपना मत भूलो, साकार करो!
लोकतंत्र की काया में बल का संचार करो।

सूरज निकल चुका फिर भी छाया अंधियारा है,
नाव भँवर से निकल गई पर दूर किनारा है,
काँटा निकल गया पदतल से दर्द न मिट पाया,
छिपा बादलों में अब तक सौभाग्य - सितारा है,
मांग रहा जो समय आज, उसको स्वीकार करो!
लोकतंत्र की काया में बल का संचार करो।

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By attkley

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