प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मानगढ़ में सभा को संबोधित किया।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनियाभर में सम्मान मिलता है, क्योंकि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और जो महात्मा गांधी का देश है। गहलोत ने बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा। इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रहे।
गहलोत ने कहा, इस देश में 70 साल से लोकतंत्र जिंदा है। बीते 70 साल में हमारा देश कहां से कहां से कहां पहुंच गया। पहले हम गुलामी की जंजीरों से जकड़े हुए थे। इसकी कहानियां हम आज पढ़ रहे हैं। हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत और गहरी हैं। दुनिया को जब एहसास होता है कि उस देश के प्रधानमंत्री हमारे देश में आ रहे हैं तो आप सोच सकते हैं वे कैसा सम्मान देते हैं।
मोदी की सभा में गहलोत ने पंडित नेहरू को याद किया…
मानगढ़ की सभा में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंडित जवाहर नेहरू को भी याद किया। उन्होंने कहा, आजादी की जंग में आदिवासियों का बहुत बड़ा योगदान रहा। कई आदिवासी नेताओं ने बलिदान दिया। यहां फ्रीडम फाइटर भी बहुत हुए। भीखालाल भाई, माणिक्य लाल वर्मा, भोगीलाल पांड्या और उपाध्याय जी सहित कई लोग थे, जिन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन में हिस्सा लिया। गोविन्द गुरु भी कई सालों तक जेल में रहे। पंडित नेहरू का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी की जंग लड़ी गई। कई लोग जेलों में बंद रहे। पंडित जवाहर लाल नेहरू 10 साल तक जेल में बंद रहे। सरदार पटेल और मौलाना आजाद भी जेलों में रहे।
#WATCH | At ‘Mangarh Dham ki Gaurav Gatha’, Raj CM Gehlot says, “…When PM Modi goes aborad, he receives great honour. Because he’s PM of the nation of Gandhi, where democracy is deep-rooted. When world realises this, they feel proud that PM of that country is coming to them…” pic.twitter.com/Mi6HaqueRH
— ANI (@ANI) November 1, 2022
पीएम मोदी ने जवाब में कहा- गहलोत सबसे सीनियर मुख्यमंत्री
भले ही गहलोत ने अपने भाषण में मोदी पर अपने शब्दबाण छोड़े हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे-सीधे कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था और मुख्यमंत्रियों की मुलाकात होती थी, तब उसमें अशोक गहलोत सबसे सीनियर होते थे। आज भी मंच पर तीन मुख्यमंत्री बैठे हैं, जिनमें अशोक गहलोत सबसे सीनियर हैं। उनके जैसे मुख्यमंत्री का मंच पर मौजूद होना गौरव की बात है। इतना कहने के बाद मोदी ने पूरे भाषण में गहलोत को महत्व नहीं दिया। सिर्फ इतना ही कहा कि मानगढ़ धाम को विकसित करने के लिए गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान के साथ ही महाराष्ट्र की राज्य सरकारों को भी प्रयास करने की आवश्यकता है।
‘आदिवासी समाज के बलिदान को इतिहास में नहीं मिली जगह’
पीएम मोदी ने आज बांसवाड़ा में मानगढ़ धाम के दर्शन किए। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह नहीं मिली। आज देश उस कमी को पूरा कर रहा है। भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता है। 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी। दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के गाट उतारा था।
मानगढ़ की पहाड़ी पर भील समुदाय की बहादुरी…
मानगढ़ की पहाड़ी भील समुदाय और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की अन्य जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखती है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां भील और अन्य जनजातियों ने लंबे समय तक अंग्रेजों से लोहा लिया। स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु के नेतृत्व में 17 नवंबर 1913 को 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी। इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चला दीं, जिसमें लगभग 1,500 आदिवासियों की जान चली गई।