गुजरात विधानसभा चुनाव 2022
– फोटो : अमर उजाला
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गुजरात में आज पहले चरण का मतदान जारी है। एक बजे तक 34.48% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। सबसे ज्यादा तापी में 46.35%, डांग में 46.22% और नर्मदा में 46.13% लोगों ने वोट डाला गया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। आज उन्होंने दो बड़ी रैलियों को संबोधित किया।
कलोल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की तुलना ‘रावण’ से की थी। प्रधानमंत्री ने उनके बयान पर बिना नाम लिए पलटवार किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी खरगे से ज्यादा गांधी परिवार पर हमलावर रहे। सवाल ये हैं कि प्रधानमंत्री ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला क्यों नहीं किया? इसके क्या सियासी मायने हैं? आइये समझते हैं…
पहले जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं खरगे जी का सम्मान करता हूं। वह वही कहेंगे जो उन्हें कहने के लिए कहा जाएगा। कांग्रेस पार्टी को नहीं पता कि यह राम भक्तों का गुजरात है। रामभक्तों की इस भूमि पर खरगे जी से मुझे 100 सिर वाला रावण कहने के लिए कहा गया और उन्होंने ऐसा किया भी।’
पीएम ने आगे कहा, ‘अगर वे लोकतंत्र में विश्वास करते तो इस स्तर तक कभी नहीं जाते। वे एक परिवार में विश्वास करते हैं न कि लोकतंत्र में। वे उस एक परिवार को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और वह परिवार उनके लिए सब कुछ है, लोकतंत्र नहीं। कांग्रेस में इस बात की होड़ है कि कौन मोदी के लिए ज्यादा अपशब्द कहे…हमें उन्हें सबक सिखाना है और तरीका है पांच दिसंबर को (गुजरात चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव का दिन) “कमल” को वोट देना।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘कांग्रेस भगवान राम के अस्तित्व और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर यकीन नहीं करती है। ये लोग तो राम सेतु का भी विरोध करते हैं। लेकिन मुझे गाली देने के लिए रामायण के किरदार रावण का जिक्र जरूर करते हैं। कुछ दिन पहले कांग्रेस के ही एक नेता ने कहा कि मोदी कुत्ते की मौत मरेगा। दूसरे ने कहा था कि मोदी हिटलर की मौत मरेगा। एक और कोई बोल रहा था- अगर मुझे मौका मिला तो मैं खुद मोदी को मार डालूंगा… कोई रावण कहता है, कोई राक्षस कहता है, कोई कॉकरोच कहता है।’
अब जानिए खरगे का वह बयान जिनसे सियासी उबाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुजरात में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी की तुलना रावण से कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘बीजेपी नगरपालिका तक के चुनाव में कहती है मोदी को वोट दो…क्या मोदी यहां काम करने आएंगे। पीएम हर वक्त अपनी ही बात करते हैं..आप किसी को मत देखो मोदी को देख कर वोट दो। आपकी सूरत कितनी बार देखना। कॉरपोरेशन में भी आपकी सूरत देखना, एमएलए के इलेक्शन में भी आपकी सूरत देखना, एमपी इलेक्शन में भी आपकी सूरत देखना..हर जगह..आपके रावण के जैसे 100 मुख हैं क्या?’
तो सीधे खरगे पर पीएम मोदी ने क्यों नहीं किया हमला?
रावण वाले बयान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तो हमला किया, लेकिन मल्लिकार्जुन खरगे को एक तरह से क्लीनचिट दे दी। इसे समझने के लिए हमने गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार वीरांग भट्ट से बात की। उन्होंने कहा, ‘रावण की तुलना किए जाने पर पीएम मोदी का जो बयान आया है, वो राजनीतिक मायने में काफी अहम है। पीएम मोदी ने इसके जरिए लोगों की सहानुभूति तो हासिल करने की कोशिश की है, लेकिन इस बात का भी ख्याल रखा कि इससे मल्लिकार्जुन खरगे पर हमला न हो।’
भट्ट कहते हैं कि भाजपा यह चाहती है कि रावण के सिर वाला मुद्दा पूरे चुनाव में हावी रहे, लेकिन केंद्र बिंदु में मल्लिकार्जुन खरगे की बजाय गांधी परिवार ही रहे। इससे दो फायदे होंगे। पहला कि गांधी परिवार पर हमला करना भाजपा के लिए आसान रहेगा और दूसरा यह कि खरगे को टारगेट करके भाजपा किसी भी हालत में दलितों को नाराज नहीं करना चाहती है। खरगे खुद भी दलित परिवार से आते हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘गुजरात में करीब 14.8 फीसदी एसटी और 6.7 प्रतिशत एससी वोटर्स हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। 1995 से इन सीटों पर भाजपा का दबदबा रहा है। एससी के लिए आरक्षित सीटों में 2007 में 11 तो 2012 में 10 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी जीते थे। 2017 में सात सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। ऐसे में अगर रावण वाले बयान को लेकर भाजपा खरगे को टारगेट करती है तो इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।’
क्या इसका कोई फायदा होगा?
वीरांग भट्ट कहते हैं, ‘गुजरात में लंबे समय तक नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री रहे हैं। तब भी उन्होंने भाजपा को जीत दिलाई थी। 2014 में जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो गुजरात में उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई। अब गुजरात से ही नरेंद्र मोदी को जोड़कर देखा जाता है। मोदी के साथ लोगों की एक अलग भावना जुड़ी हुई है। मोदी और भाजपा भी इस बात को बखूबी जानती है। यही कारण है कि विपक्षी दलों की तरफ से पीएम मोदी को लेकर दिए गए सारे बयान को भाजपा गुजरात और गुजरातियों से जोड़ देती है। इसका पार्टी को फायदा भी मिलता है। लोग विपक्ष के इन बयानों से खुद को जुड़ा हुआ देखते हैं।’
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गुजरात में आज पहले चरण का मतदान जारी है। एक बजे तक 34.48% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। सबसे ज्यादा तापी में 46.35%, डांग में 46.22% और नर्मदा में 46.13% लोगों ने वोट डाला गया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। आज उन्होंने दो बड़ी रैलियों को संबोधित किया।
कलोल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की तुलना ‘रावण’ से की थी। प्रधानमंत्री ने उनके बयान पर बिना नाम लिए पलटवार किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी खरगे से ज्यादा गांधी परिवार पर हमलावर रहे। सवाल ये हैं कि प्रधानमंत्री ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला क्यों नहीं किया? इसके क्या सियासी मायने हैं? आइये समझते हैं…