भूकंप (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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नए साल के स्वागत में खुशियां मना रहे दिल्ली और आसपास के लोगों की खुशियां उस समय कापूर हो गईं जब रात को धरती डोल उठी। नए साल के पहले दिन रविवार देर रात दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप से किसी जान-माल की हानि की जानकारी नहीं दी है।

हरियाणा में महसूस किए गए भूकंप के झटके
हरियाणा में रात 1:19 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। प्राथमिक जानकारी के अनुसार झज्जर का बेरी भूकंप का केंद्र रहा और इसकी तीव्रता 3.8 रही। 

हरियाणा में हलचल जमीन से मात्र 5 किलोमीटर नीचे दर्ज की गई, जिस कारण काफी लोगों को यह भूकंप महसूस भी हुआ। रोहतक-झज्जर से गुजर रही महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन के नजदीक अकसर भूकंप आते रहते हैं। जिनपर राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की भी सीधी नजर है।

यह है भूकंप का कारण

देहरादून से महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दिनों इन दरारों में गतिविधियां चल रही हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। इसके आपस में हल्की सी टकराने पर ही कंपन पैदा होता है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

जोन तीन और चार में आता है रोहतक और झज्जर

भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार रोहतक-झज्जर जोन तीन और जोन चार में आता है। भारत में भूकंप को चार जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन दो, तीन, चार और पांच शामिल है। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन दो में सबसे कम खतरा और जोन पांच में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन दो को आसमानी रंग, जोन तीन को पीला रंग, जोन चार को संतरी रंग और जोन पांच को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन चार व हिसार साइड का क्षेत्र जोन तीन में आता है।

नए साल के स्वागत में खुशियां मना रहे दिल्ली और आसपास के लोगों की खुशियां उस समय कापूर हो गईं जब रात को धरती डोल उठी। नए साल के पहले दिन रविवार देर रात दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप से किसी जान-माल की हानि की जानकारी नहीं दी है।

हरियाणा में महसूस किए गए भूकंप के झटके

हरियाणा में रात 1:19 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। प्राथमिक जानकारी के अनुसार झज्जर का बेरी भूकंप का केंद्र रहा और इसकी तीव्रता 3.8 रही। 

हरियाणा में हलचल जमीन से मात्र 5 किलोमीटर नीचे दर्ज की गई, जिस कारण काफी लोगों को यह भूकंप महसूस भी हुआ। रोहतक-झज्जर से गुजर रही महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन के नजदीक अकसर भूकंप आते रहते हैं। जिनपर राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की भी सीधी नजर है।

यह है भूकंप का कारण

देहरादून से महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दिनों इन दरारों में गतिविधियां चल रही हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। इसके आपस में हल्की सी टकराने पर ही कंपन पैदा होता है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

जोन तीन और चार में आता है रोहतक और झज्जर

भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार रोहतक-झज्जर जोन तीन और जोन चार में आता है। भारत में भूकंप को चार जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन दो, तीन, चार और पांच शामिल है। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन दो में सबसे कम खतरा और जोन पांच में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन दो को आसमानी रंग, जोन तीन को पीला रंग, जोन चार को संतरी रंग और जोन पांच को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन चार व हिसार साइड का क्षेत्र जोन तीन में आता है।





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By attkley

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