सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : पीटीआई

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पंचकूला जिले में कोरोना काल में हुई 478 मौतों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का मामला एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पास पहुंच गया है। एसीबी ने इस मामले में छह कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की है। इन कर्मचारियों ने मरने वालों की संख्या ज्यादा दिखाकर उनके संस्कार का खर्च सरकार से वसूल लिया। एसीबी ने पंचकूला नगर निगम के तत्कालीन मुख्य सफाई निरीक्षक मदनलाल, एएसआई अजय सूद, एएसआई सतबीर, सफाईकर्मी सोनू, प्रवेश और गुलाब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

अब एसीबी पंचकूला के श्मशान घाट में मरने वालों का रिकॉर्ड खंगालेगी। आरोप है कि अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों की सूची में ऐसे कर्मचारियों के भी नाम डाले गए, जो कि रोजाना कार्यालय में ही बैठते थे। पंचकूला नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड के आधार पर शहर में कोरोना संक्रमण से 478 लोगों की मौत हुई। सेक्टर 20 और 28 के श्मशान घाट के रिकॉर्ड के अनुसार यहां करीब 478 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया। कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार इन्हीं दो श्मशान घाट में हो रहा था।

पंचकूला नगर निगम के संयुक्त आयुक्त विनेश कुमार ने मामले में एक जांच रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें कोरोना के दौरान मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के लिए सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशि में घोटाला पाया गया। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमित 377 लोगों की मृत्यु की बात सामने आई थी, जबकि पंचकूला के श्मशान घाटों में लगभग एक हजार शवों का अंतिम संस्कार हुआ।

यह था आदेश

हरियाणा स्थानीय शहरी निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार सभी नगर निगम में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में 5 सदस्य टीम के प्रत्येक सदस्य को 2000 रुपये देने के आदेश थे। उप निगम आयुक्त की सिफारिश पर 10 कर्मचारियों की कमेटी बनाई गई, इसमें विभागीय नियमों का उल्लंघन पाया गया। जांच में पता चला कि 14 कर्मचारियों को 29 सितंबर 2021 तक 31 लाख 34 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया और इनके खातों में 20 लाख 72 हजार रुपये डाल दिए गए थे।



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By attkley

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