सिद्धारमैया ने लिखा, ‘बेलगावी, विजयपुरा, बागलकोट, कलबुर्गी, याडगिरि और रायचूर जैसे उत्तरी कर्नाटक के जिले मार्च, 2023 से भीषण गर्मी के कारण पेयजल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. ‘
‘महाराष्ट्र ने कर्नाटक के अनुरोध पर पहले भी पानी छोड़ा था’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘कर्नाटक सरकार ने पहले लोगों और पशुओं की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए वारना/कोयना जलाशय से कृष्णा नदी के लिए तीन टीएमसी और उज्जनी जलाशय से भीमा नदी में तीन टीएमसी जल छोड़ने का अनुरोध किया था.’ बता दें एक थाउजैंड मिलियन क्यूबिक फुट (टीएमसी) का आशय एक अरब घन फुट पानी से है.
सिद्धारमैया ने कहा कि इस अनुरोध पर मई के पहले पखवाड़े में, महाराष्ट्र सरकार ने कृष्णा नदी में एक टीएमसी पानी छोड़ा था. उन्होंने ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया.
‘घरेलू उपयोग तथा पशुओं के लिए पानी की जरूरत’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून अभी शुरू नहीं हुआ है, जबकि उत्तरी जिलों में भीषण गर्मी पड़ रही है और लोगों को घरेलू उपयोग तथा पशुओं के लिए पानी की जरूरत है.
सिद्धारमैया ने पत्र में कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए वारना/कोयना जलाशय से कृष्णा नदी में दो टीएमसी और उज्जनी जलाशय से भीमा जलाशय में तीन टीएमसी पानी तुरंत छोड़ने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें.’ उन्होंने पत्र में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी चिह्नित किया है.
(इनपुट – एजेंसी)