Pinarayi Vijayan Government: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कालीकट विश्वविद्यालय के अतिथि गृह के बाहर उन्हें ‘संघी’ बताने वाले और उनसे ‘वापस जाने की’ मांग करने वाले बैनर देखकर रविवार को नाराज हो गए और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के निर्देश पर राज्य पुलिस ने इन बैनरों को लगाया है. कुछ घंटे बाद खान ने विश्वविद्यालय के कुलपति से यह स्पष्टीकरण मांगा कि एसएफआई को विश्वविद्यालय के विभिन्न हिस्सों में कुलाधिपति के खिलाफ बैनर लगाने की इजाजत कैसे दी गई. राजभवन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ‘राज्यपाल के लिए अपमानजनक’ पोस्टरों के वास्ते मुख्यमंत्री और पुलिस पर दोष मढ़ा.

..तो क्या आप इसकी अनुमति देते?

दरअसल, राजभवन ने जहां बयान जारी किया, कालीकट विश्वविद्यालय में नाटकीय दृश्य देखा गया, वहीं राज्यपाल ने अपमानजनक बैनर नहीं हटाने के लिए पुलिस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, ‘यह (बैनर) यहां कैसे है? मैं आपसे (पुलिस से) पूछ रहा हूं कि अगर मुख्यमंत्री यहां होते, तो क्या आप इसकी अनुमति देते? आप मेरा अपमान करना चाहते हैं? बहुत हो गया. आप कानून-व्यवस्था का मजाक बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’ नाराज राज्यपाल ने पुलिस पर चिल्लाते हुए कहा, ‘अभी नहीं तो तीन-चार महीने में आपको जवाब देना होगा. यह मुख्यमंत्री हमेशा नहीं रहने वाले हैं. ऐसा मत सोचिए कि आपकी कोई जवाबदेही नहीं होगी. इस सोच में मत रहिए कि आपकी जवाबदेही नहीं होगी.’

पुलिस की कार्रवाई को गंभीरता से लिया
जब पुलिस ने कहा, ‘ऐसा नहीं है’, खान ने जवाब दिया ‘अगर ऐसा नहीं है, तो यह क्या है? यह यहां कैसे आया?’ उन्होंने तुरंत अतिथि गृह से चले जाने की धमकी दी और मांग की कि उनकी कार वहां लाई जाए. खान ने कहा, ‘मैं यहां से जाऊंगा और कोई भी पुलिस कर्मी मेरे पीछे नहीं आएगा.’ खान ने पुलिस को ‘बेशर्म’ कहा और यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) विश्वविद्यालय चला रही है. आखिरकार, पुलिस ने संबंधित बैनर को हटा दिया और खान अतिथि गृह लौट गए. राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ”राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कालीकट विश्वविद्यालय के परिसर में राज्यपाल को बदनाम करने वाले पोस्टर लगाने के मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य पुलिस की कार्रवाई को गंभीरता से लिया है.’

बयान में कहा गया है, ‘काले बैनर और पोस्टर परिसर के अंदर, विवि अतिथि गृह के ठीक बाहर लगाए गए हैं, जहां राज्यपाल ठहरे हुए हैं. राज्यपाल को लगता है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बिना ऐसा नहीं हो सकता और यह स्पष्ट रूप से राज्य में संवैधानिक तंत्र के पतन की शुरुआत है.’ इससे पहले  खान को राजभवन में अपने सचिव को कालीकट विश्वविद्यालय के कुलपति से यह स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश देते देखा गया कि एसएफआई को विश्वविद्यालय के विभिन्न हिस्सों में कुलाधिपति के खिलाफ बैनर लगाने की इजाजत कैसे दी गई. टीवी पर प्रसारित दृश्यों में दिखाया गया कि खान अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के बैनरों की ओर इशारा कर रहे हैं – जिसमें उन्हें ‘संघी’ कहा गया है और उनसे वापस जाने की मांग की गई है.

एसएफआई के ऐसे ही एक बैनर पर लिखा था- ‘संघी कुलाधिपति वापस जाओ.’’ इसके बाद, राज्यपाल को राजभवन में अपने सचिव से फोन पर बात करते हुए देखा गया और उनसे कुलपति को एक ‘नोटिस’ भेजकर यह पूछने को कहा कि क्या पुलिस को इन बैनर के बारे में सूचित किया गया था. खान ने सचिव को यह भी निर्देश दिया कि कुलपति से यह बताने के लिए कहा जाए कि इन बैनर को लगाने की अनुमति कैसे दी गई और क्या इसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है. उन्हें फोन पर यह कहते हुए सुना गया, ‘ये बैनर वहां कैसे हैं? क्या आपने कोई कार्रवाई की है? अगर जवाब आता है, तो कल इस पर कार्रवाई करनी होगी.’

आरिफ खान वर्तमान में कालीकट विश्वविद्यालय में विभिन्न निजी और आधिकारिक कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए उत्तरी केरल जिले में हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर स्थित अतिथि गृह में लौटने के बाद बैनर का संज्ञान लिया. उन्होंने एसएफआई के पहले के बयान को चुनौती देते हुए अतिथि गृह में रहने का फैसला किया. एसएफआई ने दावा किया था वह उन्हें कुलाधिपति के तौर पर किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने देगी. माकपा की छात्र शाखा एसएफआई, राज्यपाल के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन कर रही है और आरोप लगा रही है कि वह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में अपने अधिकार का उपयोग करके केरल के विभिन्न विश्वविद्यालयों की सीनेट में भाजपा-आरएसएस के उम्मीदवारों को बढ़ावा दे रहे हैं. एजेंसी इनपुट



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By attkley

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