spring
– फोटो : pexel

विस्तार


जलवायु परिवर्तन की वजह से पिछला वर्ष जहां ऐतिहासिक रूप से सबसे गर्म साबित हुआ, वहीं इतिहास में इस वर्ष का फरवरी माह सबसे गर्म दर्ज होने जा रहा है। पूरी दुनिया में ज्यादातर जगहों पर फरवरी का तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया गया है। जलवायु परिवर्तन के कारण हर जगह वसंत समय से पहले ही पहुंच गया है। 

जापान से मेक्सिको तक फूल जल्दी खिल गए हैं। यूरोप में स्की रिजोर्टों से बर्फ गायब हो चुकी है और टेक्सास में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। अमेरिकी ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) अभी आंकड़े जुटा रहा है। हालांकि, शुरुआती रुझान बताते हैं कि यह लगातार नौवां महीना होगा, जब ऐतिहासिक रूप से तापमान रिकॉर्ड स्तर पर टूटने वाला है। एनओएए 14 मार्च फरवरी के अंतिम आंकड़े प्रकाशित करेगा।

साल के मध्य से राहत की संभावना

एनओएए के वायुमंडलीय वैज्ञानिक कैरिन ग्लीसन ने बताया, अल नीनो का असर 2024 के मध्य तक खत्म होगा। इसके बाद दुनिया को गर्मी से राहत मिल सकती है। हालांकि, इसके बाद तेजी से ला नीना का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। एनओएए का अनुमान है कि 22 फीसदी संभावना है कि 2024 सबसे गर्म वर्ष के रूप में 2023 का रिकॉर्ड तोड़ देगा और 99 फीसदी संभावना है कि यह अब तक के 5 सबसे गर्म वर्षों में शामिल होगा।

ग्लीसन ने कहा, इंटरनेट पर उन्होंने जापान, मेक्सिको व यूरोप की तस्वीरें देखी हैं। यहां समय से पूर्व वसंत ने दस्तक दे दी है। अमेरिका में कई जगह तापमान सामान्य से 22 डिग्री सेल्सियस तक अधिक था, टेक्सास के किलेन शहर में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि इन दिनों यहां सामान्य तापमान 16 डिग्री होता है।

लोगों की जान जा रही

पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च के भौतिक विज्ञानी एंडर्स लीवरमैन ने कहा, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ी गर्मी वैश्विक मौसम प्रणालियों पर कहर बरपा रही है। ध्रुवों, पहाड़ों से ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र स्तर बढ़ रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया इरविन के वैज्ञानिक जेन बाल्डविन ने कहा, दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी की वजह से लोगों की जान जा रही है।



Source link

By attkley

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *