एलन मस्क
– फोटो : ANI
विस्तार
अमेरिका में हो रहे फलस्तीन समर्थित विरोध प्रदर्शनों के मुद्दे पर एलन मस्क ने एक ऐसा पोस्ट किया, जिस पर अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने करारा जवाब दिया है। दरअसल मस्क ने सोशल मीडिया पर एक पोल साझा किया, जिसमें अमेरिकी झंडे का अपमान करने वाले को देश से बाहर भेजने पर लोगों की राय मांगी गई थी। इस पर स्नोडेन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी है।
क्या है मामला
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में जारी फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर एलन मस्क ने एक ट्वीट किया। जिसमें मस्क ने लिखा, ‘प्रस्तावित कानूनः अगर कोई अमेरिकी झंडे का फाड़ता है और उसकी जगह कोई दूसरा झंडा लगाता है तो उस व्यक्ति को अनिवार्य रूप से उस देश भेज देना चाहिए, जहां का झंडा उसने लगाया है।’ मस्क ने इस पोस्ट पर लोगों से हां और नहीं में जवाब भी मांगा था।
Proposed law: if someone tears down the American flag and puts up another flag in its place, that person should get a free (but mandatory) one-way trip to that flag’s country
— Elon Musk (@elonmusk) May 2, 2024
मस्क के इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने लिखा कि ‘पहली बात अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी है, जिसमें सभी झंडों को फाड़ने और उनके साथ कुछ भी करने की आजादी है और किन्हीं कारणों से इस अधिकार को संविधान में सुरक्षित किया गया है। दूसरी बात तब आप क्या करेंगे, जब वे लोग इस झंडे से अमेरिकी झंडे को बदल दें? इसके साथ ही स्नोडेन ने फास्ट फूड चेन मैक्डोनाल्ड के झंडे की तस्वीर साझा की।’
फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों पर फूटा मस्क का गुस्सा
दरअसल अमेरिका के कई संस्थानों में इन दिनों फलस्तीन के समर्थन में धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके चलते कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया है और कई पर शैक्षिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में परिसर को प्रदर्शनकारी छात्रों से मुक्त कराने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी थी। इसी को लेकर मस्क ने पोल संबंधी पोस्ट किया था। हालांकि मस्क ने एक अन्य ट्वीट में ये भी लिखा कि अन्य देश भेजे जाने वाले अमेरिकी कुछ समय उस देश में बिताने के बाद वापस अमेरिका आ सकते हैं, ताकि उन्हें उस देश की जमीनी हकीकत के बारे में पता चल सके। एडवर्ड स्नोडेन पर साल 2013 में अमेरिका की खुफिया सूचनाएं लीक करने का आरोप लगा था। जिस पर पूरी दुनिया में हंगामा हुआ था। एडवर्ड स्नोडेन गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश भाग गए थे और फिलहाल उनके रूस में मौजूद होने का दावा किया जा रहा है।