खबरों के खिलाड़ी में प्रज्ज्वल रेवन्ना और बृजभूषण से जुड़ी राजनीति पर चर्चा
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लोकसभा चुनाव में दो चरण का मतदान हो चुका है। अगले चरणों से पहले उम्मीदवार तय किए जा रहे हैं। नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला चल रहा है। वहीं, दागदार नेता भी सुर्खियों में हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राजनीति में सबकुछ सिर्फ वोट बैंक को देखकर तय होता है? इस हफ्ते ‘खबरों के खिलाड़ी’ में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई। चर्चा के वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह, समीर चौगांवकर, विनोद अग्निहोत्री, अवधेश कुमार, पूर्णिमा त्रिपाठी और अनुराग वर्मा मौजूद रहे।
सवाल- क्या सब कुछ वोट बैंक देखकर तय होता है?
समीर चौगांवकर: मुझे लगता है कि वोट बैंक का ही मामला रहता है। संदेशखाली के मुद्दे के बाद जिस तरह से इसे भाजपा ने इसे उठाया, उसके बाद बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देने से भाजपा की तरफ से गलत संदेश जाता। भाजपा बृजभूषण की जगह प्रतीक भूषण को टिकट देना चाहती थी, जो अभी भाजपा के विधायक हैं, लेकिन बृजभूषण अपने दूसरे बेटे करण भूषण को टिकट देने पर अड़े थे।