रोहित वेमुला की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, तेलंगाना पुलिस ने मामले की जांच के बाद स्थानीय अदालत के समक्ष शुक्रवार क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वेमुला दलित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, उसने आत्महत्या इसलिए की क्योंकि उसे डर था कि उसकी असली पहचान उजागर हो जाएगी। साइबराबाद पुलिस ने अदालत को बताया कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति का नहीं था और उसे इसकी जानकारी थी।

डर के कारण की आत्महत्या

क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया कि मृतक को पता था कि वह अनुसूचित जाति से नहीं है। उसकी मां ने उसके लिए एससी प्रमाणपत्र बनवाया। उसे डर था कि अगर सच्चाई उजागर हुई तो उसकी शैक्षणिक डिग्रियां फर्जी हो जाएंगी। साथ ही उसे अभियोजन का सामना भी करना पड़ सकता है। मृतक को कई मुद्दे परेशान कर रहे थे जिसके कारण वह आत्महत्या कर सकता था। 

मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैंने फैसला नहीं पढ़ा है। मुझे इसे पढ़ने दीजिए। मामले में वेमुला के भाई राजा वेमुला ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

रोहित वेमुला की आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण:  भाजपा प्रवक्ता

मामले में बीजेपी प्रवक्ता रचना रेड्डी ने कहा, तेलंगाना के गृह विभाग ने 2016 के विवादास्पद रोहित वेमुला आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एक क्लोजर रिपोर्ट पेश की है। उन्होंने कहा, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की इस घटना के खिलाफ व्यापक आक्रोश देखा गया था। रचना रेड्डी के मुताबिक, रोहित वेमुला की आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन रिपोर्ट में आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई सक्रिय मामला सामने नहीं आया है और जांच बंद कर दी गई है।

#WATCH | Hyderabad, Telangana: On Rohith Vemula death case, BJP spokesperson Rachna Reddy says, “The home department of Telangana has submitted a closure report in the controversial Rohith Vemula suicide and abetment of suicide case, way back from 2016. The Hyderabad Central… pic.twitter.com/RRjbAcRZMO

— ANI (@ANI) May 3, 2024

उन्होंने कहा कि दलित छात्र रोहित वेमुला को प्रबंधन की तरफ से आत्महत्या के लिए उकसाया गया हो, ऐसा प्रमाणित नहीं हुआ है। उक्त जांच में प्रमुख नेताओं सहित भाजपा नेताओं को आरोपी बनाया गया था। रचना रेड्डी ने कहा कि पुलिस ने इसी साल मार्च में एक विस्तृत क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश या निर्देशों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) अत्याचार निवारण कानून के तहत भी जांच की गई। इसके बाद क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है।

आरोपियों में यूओएच के तत्कालीन कुलपति अप्पा राव पोडिले, हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, जो उस वक्त सांसद थे, पूर्व बीजेपी एमएलसी एन रामचंदर राव सहित कुछ एबीवीपी नेताा शामिल हैं। वेमुला की मौत राजनीतिक हो गई थी, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर संसद में निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे जातिगत लड़ाई के रूप में पेश करने का आरोप लगाते हुए आलोचना की थी। 

राहुल गांधी ने 2016 में इसे राजनीतिक बनाया

मामले में बीजेपी प्रवक्ता रचना रेड्डी ने कहा कि आत्महत्या किसी के उकसाने के कारण नहीं हुई। भाजपा नेताओं का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हमारे पास एससी-एसटी समुदाय को भेदभाव से बचाने के लिए आरक्षण, विशिष्ट आपराधिक कानून और प्रावधान हैं, लेकिन जब आप ऐसे झूठे आरोप लगाते हैं, तो उन लोगों का अपमान होता है, जिनके साथ वास्तव में भेदभाव होता है। इसे राजनीतिक न बनाएं। राहुल गांधी ने 2016 में इसे राजनीतिक बनाया। राजनीतिक दलों को पहले से ही छात्रों और छात्रों को भड़काना नहीं चाहिए।”

यह जाति की जांच है

एनएसयूआई महासचिव प्रभाकर सिंह का कहना है कि जो क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है वह जांच रिपोर्ट नहीं है। यह वेमुला की जाति की जांच है। इसकी जांच नहीं होनी चाहिए थी। वेमुला को परेशान करने और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने में जिन लोगों की भूमिका थी, जांच उसकी होनी चाहिए थी। यह आत्महत्या नहीं बल्कि एक संस्थागत हत्या थी। हम उसे न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बता दें, छात्रों के एक समूह ने विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने भाजपा, स्मृति ईरानी और राव के खिलाफ नारे लगाए।

 

यह है पूरा मामला

रोहित ने 17 जनवरी, 2016 को यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रावास के एक कमरे में आत्महत्या कर ली थी। रोहित विश्वविद्यालय द्वारा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने से कथित रूप से परेशान था। रोहित के आत्महत्या के बाद से राजनीति शुरू हो गई थी और विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर केन्द्र पर निशाना भी साधा था। विश्वविद्यालय के छात्रों, कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के एक समूह ने आरोप लगाया था कि इस आत्महत्या के लिए कुलपति भी जिम्मेदार हैं। छात्रों के एक समूह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अप्पाराव और चार अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। 





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By attkley

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