नौका मॉड्यूल को अंतरिक्ष स्टेशन पर रवाना करने के तीन घंटे बाद मॉस्को में कंट्रोलर डॉक के बाद की रीकन्फिगरेशन प्रोसेस कर रहे थे, तभी यह इस मॉड्यूल ने गलती से फायर कर दिया, जिससे गुरुवार को अंतरिक्ष स्टेशन नियंत्रण से बाहर हो गया। अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि मिशन के फ्लाइट डायरेक्टर ने तुरंत ‘स्पेसक्राफ्ट इमरजेंसी’ घोषित कर दी। लेकिन रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी नहीं है।
रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा कि दबाव में गिरावट ‘ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल’ के एक अलग स्थानांतरण कक्ष में मामूली हवा के रिसाव की वजह से हुआ, इसके बाद अगले 24 घंटे में दबाव बढ़ गया।
रोगोजिन ने मीडिया रिपोर्टों के जवाब में ट्वीट कर कहा कि, ‘समस्याग्रस्त ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल में गिरावट की अपेक्षा थी, लेकिन यह ‘तेज’ गिरावट नहीं थी और यह अनुसंधान मॉड्यूल से जुड़ा हुआ नहीं है।’
रोगोजिन ने ट्वीट किया ‘सेवा मॉड्यूल में दबाव 29 जुलाई को गिरा, जिस दिन ‘नौका अनुसंधान मॉड्यूल’ को जोड़ा गया था। हालांकि 14 जुलाई को इसमें गिरावट अपने स्तर के लगभग एक तिहाई था, लेकिन इसे बढ़ाया जाएगा।’
उन्होंने बताया कि ज्वेज्दा मॉड्यूल, जो चालक दल के सदस्यों और जीवन समर्थन प्रणालियों के लिए रहने का निवासस्थान प्रदान करता है उसमें हवा का रिसाव का पिछले साल ही पता चला था। लेकिन यह चालक दल के लिए कोई खतरा नहीं है, लेकिन दरारें सील करके इसे ठीक करने के प्रयास जारी हैं।
रूस ने इस मामले में शुक्रवार को कहा कि नौका अनुसंधान मॉड्यूल के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी और मानव ध्यान में संभावित चूक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।मॉड्यूल का जेट थ्रस्टर बिना वजह चालू हो गया और उसके फायर करने से पूरा स्पेस स्टेशन अपनी उड़ने की सामान्य जगह से हट गया। जिसके तुरंत बाद ‘स्पेसक्राफ्ट इमरजेंसी’ घोषित कर दी गई।
रोगोजिन ने ट्वीट किया, ‘रूसी शोध दल ने हवा का परीक्षण और सफाई करने के बाद शनिवार को मॉड्यूल में फिर से प्रवेश किया।’ रूस ने अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी सेगमेंट के भविष्य के उपयोग पर चर्चा करने के लिए शनिवार को वैज्ञानिक परिषद की बैठक की, जिसे 1998 में कक्षा में भेजा गया था और 2028 तक काम करने वाला है।